महाराष्ट्र और कर्नाटक में कई चीनी मिलें बाजार कीमतों से कम रेट पर चीनी बेच रही हैं। पूर्व सांसद और स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी को पत्र लिखकर तुरंत इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है।
पत्र में राजू शेट्टी ने कहा कि मराठवाडा, विदर्भ और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में चीनी मिलों द्वारा बाजार मूल्य से काफी कम रेट पर चीनी की बिक्री की जा रही है। इससे गन्ना किसानों और उपभोक्ताओं के हितों को नुकसान पहुंच रहा है। शेट्टी ने आरोप लगाया कि कई चीनी मिलें औसत बाजार भाव से काफी कम 3100 रुपये प्रति क्विंटल के रेट पर चीनी बेच रही हैं। बड़े व्यापारी इन चीनी मिलों के साथ मिलीभगत कर कम दाम पर चीनी खरीद रहे हैं और इसे छोटे व्यापारियों को 3700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेच रहे हैं। अंत में, उपभोक्ताओं को यही चीनी 4000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदनी पड़ रही है।
राजू शेट्टी ने कहा कि यह चीनी मिलों के अधिकारियों और बड़े व्यापारियों की मिलीभगत है। एक तरफ चीनी मिलें वित्तीय दिक्कतों का हवाला देते हुए गन्ना किसानों को कम भुगतान कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ उपभोक्ताओं से ऊंची कीमतें वसूली जा रही हैं। अपनी उपज का उचित दाम पाने के लिए संघर्ष कर रहे किसान इससे बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं जबकि उपभोक्ताओं को सस्ती चीनी नहीं मिल पा रही है। कर्नाटक में भी गन्ना पेराई शुरू होने के बाद से यह सब हो रहा है।
राजू शेट्टी ने केंद्र सरकार से कम कीमतों पर चीनी बिक्री की जांच कराने और ऐसी गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। ताकि निष्पक्ष बाजार संचालन सुनिश्चित हो सके। गन्ना किसानों और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए उन्होंने तुरंत सरकार से इस मामले की तरफ ध्यान देने का अनुरोध किया है।