पंजाब की मंडियों में गेहूं की आवक में भारी गिरावट को देखते हुए खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने राज्य भर की मंडियों में फसल की खरीद बंद करने का फैसला किया है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री लाल चंद कटारुचक ने मंगलवार को कहा कि राज्य की मंडियों में चरणबद्ध तरीके से 5 मई से गेहूं की खरीद बंद की जाएगी। इस संबंध में अधिसूचना पंजाब मंडी बोर्ड द्वारा जारी की जाएगी।
उन्होंने खरीद की गति और एमएसपी के सीधे किसानों के बैंक खातों में तेजी से वितरण पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा, यह खराब मौसम से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद हुआ, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के अधिकांश हिस्सों में गेहूं सिकुड़ गया था। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर गेहूं की कीमतों में तेजी के बाद, अधिकांश राज्यों में गेहूं की सरकारी खरीद में भारी गिरावट देखी गई, लेकिन केंद्रीय पूल में गेहूं की सबसे बड़ी मात्रा में योगदान देने में पंजाब ने एक बार फिर देश का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि राज्य ने अब तक 93 लाख टन से अधिक गेहूं की खरीद की है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की मांग में वृद्धि हुई है और निजी व्यापारी गेहूं की ज्यादा खरीद कर रहे हैं। सिकुड़े हुए दाने के लिए मानदंडों में ढील देने में देरी के बारे में उन्होंने कहा कि केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने समस्या की सीमा का पता लगाने के लिए अधिकारियों का एक दूसरा दल भेजने का फैसला किया था। राज्य में पहले 132 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा गया था।
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