पंजाब के जो किसान धान की बुवाई के लिए डायरेक्ट सीडिंग (डीएसआर) तकनीक का इस्तेमाल करेंगे उन्हें पंजाब सरकार प्रति एकड़ 1500 रुपए आर्थिक मदद देगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि किसान 20 मई से डीएसआर तकनीक से धान की बुवाई शुरू कर सकते हैं। राज्य में भूजल का स्तर और गिरने से रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
मुख्यमंत्री ने किसानों से ज्यादा से ज्यादा जमीन पर डीएसआर तकनीक से धान की बुवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इसे अपनाने वाले किसानों को ना सिर्फ प्रति एकड़ 1500 रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी बल्कि कृषि विभाग भी जरूरी मदद मुहैया कराएगा।
डीएसआर तकनीक में मशीन के जरिए खेतों में ड्रिलिंग करके धान के बीज बोए जाते हैं और साथ में कीटनाशकों का भी छिड़काव किया जाता है। पारंपरिक तरीके में पहले किसान नर्सरी में धान के छोटे पौध तैयार करते हैं फिर उन्हें उखाड़ कर खेतों में बोया जाता है।
भूजल के गिरते स्तर पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री ने किसानों से इसे बचाने की जरूरत पर जोर दिया। पारंपरिक तरीके से धान की बुवाई में पानी की जरूरत बहुत ज्यादा पड़ती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वजह से पानी का स्तर काफी नीचे चला गया है। राज्य के कुछ जिले तो रेड जोन कैटेगरी में आ गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डीएसआर तकनीक पर्यावरण के लिए फायदेमंद तो है ही किसानों के लिए भी कम खर्चीला है। जिन खेतों में इस विधि से धान की बुवाई की जाएगी उनमें गेहूं की पैदावार भी अधिक होगी। पिछले साल धान की बुवाई वाले 28 लाख हेक्टेयर में से छह लाख हेक्टेयर क्षेत्र में डीएसआर विधि से बुवाई हुई थी। मुख्यमंत्री ने 17 अप्रैल को 24 किसान संगठनों के साथ बैठक की थी। उसमें भी उन्होंने भूजल के गिरते स्तर पर चिंता जताई थी। उन्होंने अधिकारियों से भी किसानों को डीएसआर तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित करने को कहा है।