पंजाब सरकार ने धान के वैकल्पिक फसलों के बारे में पता लगाने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। यह समिति उन वैकल्पिक फसलों की खेती को अपनाने के बारे में अपनी राय देगी जिसमें धान की तुलना में पानी की कम खपत होती है। राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि वर्षों से धान की परंपरागत खेती की वजह से भूमिगत जल स्तर में कमी और पराली जलाने से संबंधित मुद्दों सहित कई समस्याएं पैदा हुई हैं। एक वीडियो संदेश में उन्होंने बताया कि उन्होंने मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक समिति बनाई है जो विभिन्न गांवों में किसानों से मुलाकात करेगी और यह देखेगी कि कौन सी फसल कम पानी की खपत करती है और धान के बदले किसानों को अधिक आय दिलाती है। यह समिति मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार बासमती, कपास, मूंग और दालों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है। उनकी सरकार कपास की फसल का रकबा बढ़ाना चाहती है। उन्होंने बताया कि एक अप्रैल से कपास की फसल की सिंचाई के लिए नहर का पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
मान ने कहा कि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) द्वारा प्रमाणित कपास के बीजों पर 33 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है। पीएयू ने कपास की फसल पर कीटों के हमले को रोकने के लिए नए कीटनाशकों को अपनाने के लिए शोध किया है।