कांग्रेस शासित राज्य पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने राज्य के गन्ना किसानों की बड़ी मांग स्वीकारते हुए गन्ने के राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) में 50 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि करके आगामी पेराई सीजन के लिए इसे 360 रुपये प्रति क्विटंल कर दिया है। पंजाब के किसान गन्ने के रेट में बढ़ोतरी को लेकर कई दिनों से आंदोलन कर रहे थे। उन्होंने अपनी मांगों के लिए रेलवे ट्रैक और हाइवे जाम कर रखे थे। इस तरह सरकार द्वारा नए रेट की घोषणा करने के बाद किसानों ने अपना प्रदर्शन वापस ले लिया।
इसके पहले पंजाब के गन्ना उत्पादक किसान संगठन के नेताओं व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच गन्ने के मूल्य को लेकर वार्ता हुई। इस दौरान कैप्टन ने गन्ने के एसएपी में 35 रुपये और वृद्धि कर दी है। इससे पहले पंजाब सरकार ने कीमत में 15 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया था। इससे किसान नाखुश थे। पेराई सीजन 2021-22 के लिए एसएपी में 35 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि से गन्ने की कीमत 360 रुपये हो जाएगी। यह पड़ोसी राज्य हरियाणा से दो रुपये ज्यादा है। कैप्टन की घोषणा के साथ ही किसानों ने आंदोलन वापसी की घोषणा कर दी है।
इससे पहले भी किसान संगठनों व पंजाब सरकार के बीच वार्ता हुई थी, जो विफल रही। मामला गन्ने के लागत मूल्य को लेकर फंसा हुआ था। किसान संगठन गन्ने की लागत 388 रुपये बता रहे थे, जबकि पंजाब सरकार ने पिछले सप्ताह एसएपी में 15 रुपये की वृद्धि करके इसे 325 रुपये कर दिया था। किसान संगठनों ने इसे मामूली वृद्धि बताया था जिसके कारण किसान संगठनों ने जालंधर के पास धरना लगा दिया।
पंजाब सरकार की इस घोषणा ने उत्तर प्रदेश सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। उत्तर प्रदेश में चार साल में सिर्फ 10 रुपये क्विंटल बढ़ा है औऱ अभी यूपी में 325 रुपये प्रति क्विंटल एसएपी पर ही गन्ने की खरीदारी हो रही है प्रदेश के किसान नेता, आए दिन मांग कर रहे है गन्ना की में खेती पर लागत खर्च बढ़ता जा रहा है और कमाई सिमटती जा रही है। ऐसे में गन्ना मूल्य बढ़ाने की जरूरत है।
उत्तर प्रदेश गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। गन्ना किसानों और चीनी मिलों के टकराव का राजनीतिक मसला हमेशा रहा है क्योकि यह राज्य लगभग सालाना लगभग 17.9 करोड़ टन यानी देश का 44.75 फीसदी गन्ना उत्पादन करता है। राज्य में करीब 48 लाख किसान गन्ने की खेती में लगे हुए हैं। पंजाब सरकार द्वारा गन्ने का एसएपी 360 रुपये प्रति क्विटंल करने से अन्य राज्यों में भी इसको लेकर अब सियासत तेज होने की उम्मीद है।