पंजाब में धान की धीमी खरीद के लिए कृषि मंत्री ने केंद्र को जिम्मेदार ठहराया, मिलर्स का धान उठान से इंकार

पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार जानबूझकर पंजाब के गोदामों से चावल शिफ्ट करने में देरी कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार किसानों की फसलों को पूरी तरह खरीदने के लिए तैयार है। मंडियों में आया लगभग 90 प्रतिशत धान राज्य सरकार ने खरीद लिया है

पंजाब में धान की धीमी खरीद का मुद्दा गरमाता जा रहा है। राज्य और केंद्र सरकार के दावों के बाद भी पंजाब में धान खरीद की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। जिससे किसानों की दिक्कतें और बढ़ गई हैं। एक ओर राइस मिलर्स ने अपनी मांगों पर असहमति के चलते धान उठाने से साफ इंकार कर दिया है, वहीं धान खरीद की मांग को विभिन्न किसान संगठन भी लगातर प्रदर्शन कर रहे हैं। धान की धीमी खरीद से गुस्साए किसानों के राज्य में कई जगह हाइवे और सड़कें जाम कर रखी हैं। राज्य सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब की मंडियों में अब तक 38 लाख टन धान की आवक हो चुकी है। जिसमें से 34.5 लाख टन धान खरीदा जा चुका है। लेकिन उठान सिर्फ 10 लाख टन ही हो पाया है, जिससे खरीद धीमी बनी हुई है। 

इस बीच पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार जानबूझकर पंजाब के गोदामों से चावल शिफ्ट करने में देरी कर रही है। खुड्डियां ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो जारी कर यह बात कही है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार किसानों की फसलों को पूरी तरह खरीदने के लिए तैयार है। राज्य की मंडियों में अब तक पहुंचे धान का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा सरकार ने खरीद लिया है, लेकिन केंद्र सरकार पंजाब के गोदामों में पहले से रखे चावल को शिफ्ट करने में जानबूझकर देरी कर रही है, जिससे धान की खरीद में रुकावट आ रही है।

पंजाब सरकार लगातार राइस मिलर्स और आढ़तियों की मांगों को जल्द हल करने की बात कह रही है। इससे पहले राज्य सरकार ने दावा किया था कि राइस मिलर्स और आढ़तियों से बात कर ली गई है और उनकी हड़ताल खत्म हो गई है। लेकिन, राइस मिलर्स और आढ़ती अभी भी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। सरकार बातचीत के जरिए इनकी मांगों का हल निकालने में जुई है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।

दूसरी ओर, राइस मिलर्स ने धान उठाने से साफ इंकार कर दिया है। पंजाब राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण बिंटा ने रूरल वॉयस को बताया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक उठान नहीं किया जाएगा। 

दूसरी ओर, धान की धीमी खरीद को लेकर किसान संगठनों का प्रदर्शन भी जारी है। भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने रूरल वॉयस को बताया कि किसान पक्का मोर्चा लगाकर राज्य में जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा, बीजेपी और आम आदमी पार्टी के विधायकों के घरों के बाहर भी किसान धरना दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक धान की खरीद बेहतर तरीके से नहीं होती।

धान की धीमी खरीद को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 25 अक्टूबर को पंजाब में चक्का जाम करने का ऐलान किया है। एसकेएम नेता रमिंदर सिंह पटियाला ने कहा कि शुक्रवार, 25 अक्टूबर को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक पूरे राज्य में चक्का जाम किया जाएगा। अगर इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो 29 अक्टूबर को सभी डिप्टी कमिश्नर के दफ्तरों का घेराव किया जाएगा, और अनाज मंडियों में आने वाले मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों को काले झंडे दिखाए जाएंगे।

पंजाब में 1 अक्टूबर से धान की सरकारी खरीद शुरू हुई थी, लेकिन राइस मिलर्स और आढ़तियों की हड़ताल के चलते धान खरीद की प्रक्रिया सुचारू रूप से नहीं हो पा रही थी। इसके बाद सरकार ने दावा किया था कि हड़ताल खत्म हो गई है और धान खरीद में जल्द तेजी लाई आएगी। लेकिन, किसानों को अभी भी धान बेचने में परेशानी हो रही है। किसानों का कहना है कि 20 दिन बीत जाने के बाद भी पंजाब में धान की खरीद बहुत धीमी हो रही है, जिससे उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।