पंजाब के किसान संगठनों ने नई कृषि नीति लागू करने सहित कई मांगों को लेकर चंडीगढ़ में पांच दिवसीय धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। रविवार को भारती किसान यूनियन (उगराहां) और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के बैनर तले राज्य के विभिन्न हिस्सों से किसान बसों और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में सवार होकर चंडीगढ़ के सेक्टर 34 स्थित मेला ग्राउंड में एकजुट हुए। किसान संगठनों ने आज से शुरू होने जा रहे पंजाब विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विधानसभा की ओर कूच करने का ऐलान किया है।
बीकेयू उगराहां की ओर से जारी प्रेस नोट के अनुसार, विरोध-प्रदर्शन के पहले दिन सैकड़ों की संख्या में किसान, मजदूर और पूर्व सैनिकों सहित महिलाओं ने विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लेने पहुंचे। आज 2 सितंबर को पंजाब विधानसभा के सत्र के दौरान आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों के साथ बड़ी संख्या में किसान विधानसभा की ओर मार्च करेंगे और मुख्यमंत्री के अलावा विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे। चंडीगढ़ के 34 सेक्टरों में मोर्चा बनाने के लिए जगह मिलना उनके मोर्चे की पहली जीत है।
पंजाब में किसान संगठन कृषि नीति लागू करने में हो रही देरी को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि पंजाब सरकार ने इस दिशा में अब तक कोई कदम नहीं उठाया है। पंजाब खेत मजदूर यूनियन के महासचिव लक्ष्मण सिंह सेवेवाल ने पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आप सरकार ने ढाई साल पहले सत्ता संभाली थी, लेकिन वादे के अनुसार कृषि नीति अभी तक लागू नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि किसानों की मांगों में सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद, खेती को कॉरपोरेट के कब्जे से बचाना, रसायन मुक्त खेती को बढ़ावा देना, किसान व मजदूरों के कर्जों की माफी, आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा, दिल्ली आंदोलन की लंबित मांगों को पूरा करना और राज्य में नशीली दवाओं की समस्या पर अंकुश लगाना शामिल है।
विधानसभा मार्च का ऐलान
भारती किसान यूनियन (उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा कि किसान सोमवार को पंजाब विधानसभा की ओर मार्च करेंगे और मुख्यमंत्री तथा विपक्षी नेताओं को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे। आज से ही पंजाब विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र शुरू हो रहा है।
किसान नेताओं का कहना है कि वह चार सितंबर तक इंतजार करेंगे। अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो पांच सितंबर को अगले कदम का ऐलान किया जाएगा। किसानों के कूच को देखते हुए चंडीगढ़ तथा पंजाब पुलिस को तैनात किया गया है। प्रशासन ने केवल 11 किसानों को विधानसभा जाने की अनुमति दी है। लेकिन किसान ट्रैक्टरों पर मार्च करते हुए भारी संख्या में विधानसभा कूच करने पर अड़े हुए हैं।
चंडीगढ़ में जुटे किसान विरोध-प्रदर्शन करने के लिए पूरी तैयारी के साथ आए हैं। ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में वे काफी दिनों का राशन लेकर चले हैं। किसानों का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगों को अनसुना करती है तो विरोध-प्रदर्शन लंबा भी चल सकता है।