राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को पेश हुए अंतरिम बजट में किसानों के लिए कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं। राज्य की उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दीया कुमारी ने वर्ष 2024-25 का अंतरिम पेश करते हुए जवान, किसान और महिला उत्थान पर विशेष ध्यान देने की बात कही।
राजस्थान सरकार ने पीएम-किसान सम्मान निधि योजना की राशि को सालाना 6 हजार रुपये से बढ़ाकर 8 हजार रुपये कर दिया है। पीएम-किसान की धनराशि में 2000 रुपये की बढ़ोतरी के लिए 1400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। साथ ही गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,275 रुपये प्रति क्विंटल पर 125 रुपये बोनस देने का ऐलान किया है। इस पर 250 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
राजस्थान की भजनलाल सरकार ने अपना पहला लेखानुदान पेश करते हुए कृषि क्षेत्र के लिए 2000 करोड़ रुपये का राजस्थान एग्रीकल्चर इन्फ्रा मिशन का ऐलान किया है। इसके अंतर्गत 20 हजार फ्रॉम पोंड्स, 10 हजार किमी सिंचाई पाइपलाइन, 50 हजार किसानों के लिए तारबंदी जैसे कार्य कराए जाएंगे तथा ड्रोन जैसी नई तकनीक भी उपलब्ध कराई जाएगी।
सरकार निम्न आय वर्ग, लघु, सीमांत, बटाईदार किसानों और खेत मजदूरों के परिवार के छात्र-छात्राओं के लिए "केजी से पीजी" (किंडरगार्टन से पोस्ट ग्रेजुएशन) तक मुफ्त शिक्षा प्रदान करेगी। कृषकों और आमजन को राहत देते हुए चीनी और गुड़ पर मंडी टैक्स भी समाप्त किया गया है। इसके लिए कृषि विपणन विभाग की तरफ से आदेश जारी किए जाएंगे। आगामी वर्षों में 25 लाख ग्रामीण घरों में नल से जल उपलब्ध कराया जाएगा। इस पर लगभग 15 हजार करोड़ रुपये व्यय किया जाना प्रस्तावित है।
कृषि के साथ डेयरी पर निर्भर परिवारों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर गोपाल क्रेडिट योजना शुरू की जाएगी। इसके लिए 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है जिसके तहत पहले चरण में 5 लाख गोपालक परिवारों को एक लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा। प्रदेश में मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार 12 लाख किसानों को मक्का, 8 लाख को बाजरा, 7 लाख किसानों को सरसों और 4 लाख को मूंग के बीज उपलब्ध कराएगी।
वित्त चर्ष 2024-25 के पहले चार महीनों के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये के व्यय वाला अंतरिम बजट राज्य विधानसभा द्वारा पारित किया गया है। दो दशकों में यह पहला मौका है जब किसी पूर्णकालिक वित्त मंत्री ने बजट पेश किया है। अपने भाषण के दौरान, कुमारी ने पिछली कांग्रेस सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन, दूरदर्शिता की कमी, भ्रष्टाचार और गलत नीतियों का आरोप लगाया।