मध्य प्रदेश में जारी मूंग खरीद में आ रही दिक्कतों और किसानों के विरोध के बाद प्रदेश सरकार मूंग खरीद की मात्रा बढ़ाने पर सहमत हो गई है। किसानों से प्रति हेक्टेयर खरीद की सीमा 8 क्विंटल से बढ़ाकर 12 क्विंटल की जाएगी। अब किसान प्रति हेक्टेयर 12 क्विंटल तक उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बेच पाएंगे। पहले सरकार ने मूंग खरीद की लिमिट 8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक सीमित कर दी थी। जबकि, राज्य में मूंग की उत्पादकता औसतन 10 से 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। वहीं, कुछ जिलों में यह 15-16 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है। जिस वजह से किसान अपनी पूरी उपज सरकार को नहीं बेच पा रहे थे और उन्हें ओपन मार्केट में एमएसपी से कम दाम पर अपनी फसल बेचने को मजबूर होना पड़ा रहा था। ओपन मार्केट में मूंग का दाम 6500 से 8000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है। जबकि, मूंग का एमएसपी 8558 रुपये प्रति क्विंटल है। जिससे किसानों को 2000 हजार रुपये तक का नुकसान हो रहा था।
राज्य परिवहन एंव शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने मंगलवार को मूंग खरीद की मात्रा बढ़ाने की घोषणा की। वह कृषि उपज मंडी, हरदा में भारतीय किसान संघ के विरोध प्रदर्शन को खत्म करने और किसानों से बात करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा, "आज माननीय मुख्यमंत्री जी ने किसान संघ के आग्रह पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए किसानों के हित में 8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर बढ़ाकर अब 12 क्विंटल हेक्टेयर दर से मूंग खरीदने व प्रतिदिन मूंग खरीदी की लिमिट 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल करने पर सहमति प्रदान की है।"
सरकार के इस फैसले से किसानों को कुछ हद तक जरूरी राहत मिलेगी। लेकिन प्रति हेक्टेयर खरीदी की सीमा अभी भी पिछले साल से कम है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष केदार शंकर सिरोही ने कहा कि पिछले साल सरकार ने मूंग खरीद की मात्रा 16 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तय की थी, लेकिन इस बार पहले 8 और अब इसे बढ़ाकर 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है। जबकि, प्रदेश में इस बार मूंग का उत्पादन बढ़ा है। उन्होंने कहा कि जब उत्पादन बढ़ा है तो सरकार को मूंग खरीद की मात्रा भी बढ़ानी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। सरकार ने भले ही मूंग खरीद की मात्रा 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर करने का फैसला लिया है, लेकिन यह अभी भी पिछले वर्ष से कम है।
मध्य प्रदेश में मूंग खरीद शुरू होने के बाद से किसान कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं। यहां सारा विवाद मूंग खरीद की मात्रा को लेकर है। जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है। हालांकि, सरकार ने किसानों की दो मुख्य मांगों पर गौर करते हुए उन्हें थोड़ी राहत दी है। लेकिन, किसानों का कहना है कि उन्हें और छूट दी जा सकती थी।