पंजाब में धान खरीद को लेकर सरकार और आढ़तियों के बीच सहमति बन गई है। अब जल्द ही राज्य में धान की सरकारी खरीद शुरू हो पाएगी। सोमवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री भगवंत मान और आढ़ती एसोसिएशन के बीच बैठक हुई, जिसमें सरकार के आश्वासन के बाद आढ़तियों ने हड़ताल खत्म करने पर हामी भरी। बैठक में आढ़तियों के सभी मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें ढाई प्रतिशत कमीशन (आढ़त) का मुद्दा भी शामिल था। आढ़तियों का कहना है कि ढाई रुपये कमीशन काफी कम है, जबकि महंगाई काफी बढ़ गई है। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी सभी मांगों को जल्द पूरा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि आढ़तियों की मांगों को जल्द केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। जरूरत पड़ने पर कानूनी कदम भी उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आढ़तियों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि धान की खरीद बिना किसी रुकावट के की जाएगी। अगर आढ़तियों को कोई परेशानी होगी, तो पंजाब सरकार उसका समाधान करेगी।
कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद आढ़तियों ने हड़ताल खत्म कर दी है। बैठक में आढ़तियों की मांगों पर चर्चा हुई, और मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि 2.50 प्रतिशत कमीशन और बाकी मांगें केंद्र के सामने रखी जाएंगी। अगर जरूरत पड़ी, तो पंजाब सरकार खुद इस कमीशन का भुगतान करेगी। अब धान की खरीद से जुड़ी सभी समस्याओं का हल हो गया है, और आढ़ती फसल की ढुलाई के लिए तैयार हैं।
पंजाब में धान की सरकारी खरीद वैसे तो 1 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है, लेकिन राइस मिलर्स और आढ़तियों की हड़ताल के चलते राज्य में धान की खरीद सुचारू रूप से नहीं हो पा रही थी। धान मिलिंग का रेट, जगह की कमी सहित अन्य मांगों के चलते राइस मिलर्स ने धान उठाने से इंकार कर दिया था। हालांकि, 5 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ हुई बैठक के बाद राइस मिलर्स ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी थी।
राइस मिलर्स के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के समक्ष जगह की कमी का मुद्दा उठाया था, जिसके बाद केंद्र सरकार दिसंबर 2024 तक राज्य में 40 लाख टन जगह और मार्च 2025 तक 90 लाख टन जगह खाली करने पर सहमति जताई है। इससे राज्य में अनाज स्टोर करने के लिए जगह की कमी नहीं होगी।