ओडिशा ने उत्तर प्रदेश के उद्योगपतियों और बिजनेस समुदाय से राज्य में निजी निवेश आमंत्रित किया है। ओडिशा सरकार ने उद्योग संगठन कनफेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई) के साथ मिलकर लखनऊ में एक रोड शो का आयोजन किया, जिसमें प्रदेश में बेहतर औद्योगिक वातावरण और प्रोएक्टिव नीतियों, पर्याप्त बिजली की उपलब्धता और सिंगल विंडो क्लीयरेंस सुविधा आदि के बारे में बताया गया।
ओडिशा के उद्योग, कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव और आईडीसीओ तथा आईपीआईसीओएल के चेयरमैन हेमंत शर्मा ने उद्योगपतियों को ओडिशा आमंत्रित किया जहां खनिजों का भंडार है तथा आयरन और स्टील उद्योग पहले ही स्थापित है।
उन्होंने प्रदेश में मौजूद प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधनों तथा कुशल मानव संसाधनों के बारे में जानकारी दी। यह ओडिशा में औद्योगिकरण की पहल की दिशा में बड़ा उत्प्रेरक का काम करता है। उन्होंने बताया कि बेसिक मेटल के अलावा प्रदेश में मरीन प्रोसेसिंग, आईटी और आईटीईएस, फूड प्रोसेसिंग अपैरल और गारमेंट उद्योग बड़े पैमाने पर मौजूद है। इस रोड शो में मेटल, माइनिंग, फूड प्रोसेसिंग, अपैरल, गारमेंट इत्यादि क्षेत्रों में निवेश के अवसरों के बारे में बताया गया।
शर्मा ने बताया कि बंदरगाह आधारित विकास का मॉडल, जिससे ओडिशा ने अपनाया है, पूरे देश में अलग तरह का है। राज्य में 22 वर्षों से अधिक समय से राजनीतिक स्थिरता है और इससे यहां काफी हद तक पारदर्शिता आई है। उन्होंने बताया कि ओडिशा ने इज ऑफ डूइंग बिजनेस, बेहतर पॉलिसी फ्रेमवर्क बनाने और अत्याधुनिक औद्योगिक केंद्र इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की दिशा में कई पहल की है ताकि कंपनियों को बिजनेस स्थापित करने और उसे आगे बढ़ाने में सहूलियत हो सके।
शर्मा ने निवेशकों को मेटल डाउनस्ट्रीमिंग, एयरोस्पेस, डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग, सेमीकंडक्टर फैब, सोलर पीवी सेल मैन्युफैक्चरिंग जैसे नए जमाने के उद्योग क्षेत्रों के बारे में प्रदेश की नीतियों से अवगत कराया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश एसआईडीएम के चेयरमैन और पीटीसी इंडस्ट्रीज के सीएमडी सचिन अग्रवाल ने वैल्यू ऐडेड मैन्युफैक्चरिंग में उत्तर प्रदेश की क्षमताओं के बारे में बताया।