मध्य प्रदेश में मूंग खरीद का मुद्दा अब सड़कों पर आ गया है। समय से पहले ही खरीद बंद होने से नाराज किसान विरोध-प्रदर्शन पर उतर आए। मध्य प्रदेश कृषि विभाग ने 23 जुलाई को कहा था कि प्रदेश में मूंग की खरीद जारी रहेगी। लेकिन मूंग की खरीद अचानक बंद कर दी गई। जिससे बहुत से किसान मूंग बेचने से रह गये हैं। गुस्साए किसानों ने शुक्रवार को देवास जिले के संदलपुर फाटा, खातेगांव में चक्का जाम कर दिया। किसानों ने खरीद केंद्र के बाहर अपने ट्रैक्टर खड़े किए और बारिश में ही धरने पर बैठ गए। प्रदेश के अन्य जिलों से भी मूंग की खरीद बंद होने को लेकर किसान विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश में मूंग खरीद को लेकर यह हाल तब है जब केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों से शत-प्रतिशत दलहन खरीद का दावा कर रहे हैं। शुक्रवार को राज्यसभा में बजट पर चर्चा के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में अधिकतम एमएसपी पर फसलों की खरीद हुई है। इस साल भी सरकार किसानों से उनकी पूरी उपज खरीदेगी।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष केदार शंकर सिरोही ने रूरल वॉयस को बताया कि प्रदेश में सभी जगह मूंग की खरीद बंद कर दी गई है। क्योंकि भारत सरकार द्वारा निर्धारित 3.30 लाख टन ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीद का लक्ष्य पूरा चुका है। जबकि किसानों को अनुमान था कि मूंग की खरीद 31 जुलाई तक जारी रहेगी। इस तरह समय से पहले ही मूंग की खरीद बंद होने से किसान नाराज हैं।
सिरोही का कहना है कि अभी तक मध्यप्रदेश में मूंग की कुल पैदावार का सिर्फ 17 प्रतिशत हिस्सा ही सरकार ने खरीदा है। प्रदेश में अभी भी बहुत से किसान हैं जो अपनी मूंंग की उपज नहीं बेच पाए। क्योंकि खरीद की शुरुआत में प्रति हेक्टेयर 8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की लिमिट तय थी जिसे बाद में बढ़ाकर 12 हेक्टेयर किया गया। किसानों पर प्रति दिन अधिकतम 25 क्विंटल मूंग बेचने की लिमिट भी लागू थी जो बाद में 40 क्विंटल की गई। इस दौरान सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के चलते भी किसानों को स्लॉट बुक करवाने में दिक्कतें आई।
मूंग खरीद की शुरुआत में सरकार की तरफ से 31 जुलाई तक खरीद की बात को प्रचारित किया गया था। लेकिन समय से पहले बंद होने से किसानों को अब मजबूरी में एमएसपी से कम भाव पर मूंंग बेचनी पड़ेगी। फिलहाल बाजार में मूंग का भाव 6500 से 8000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है। जबकि मूंग का एमएसपी 8558 रुपये प्रति क्विंटल है। इस तरह किसानों को डेढ़ से दो हजार रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान उठाना पड़ सकता है।