रबी फसलों की कटाई के बाद खेतों में फसल अवशेष जलाने की समस्या गंभीर रूप धारण करती जा रही है। इस सीजन में खेतों की आग से सबसे ज्यादा मामले मध्यप्रदेश से आ रहे हैं। ऐसे में वायु एवं मृदा प्रदूषण की रोकथाम के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि खेतों में पराली (नरवाई) जलाई जलाने वाले किसानों मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे किसानों की फसल एमएसपी पर भी नहीं खरीदी जाएगी। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए।
मध्यप्रदेश सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि फसल कटाई के बाद खेतों में नरवाई जलाने के मामलों में वृद्धि होने से वायु प्रदूषण सहित कई प्रकार से पर्यावरण को बेहद नुकसान हो रहा है। इसके निदान के लिए राज्य सरकार पहले ही नरवाई जलाने को प्रतिबंधित कर चुकी है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इसके बाद भी यदि कोई किसान अपने खेत में नरवाई जलाता है तो उसे मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा नरवाई जलाने वाले किसान से अगले साल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसल खरीद भी नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण, मृदा संरक्षण एवं भूमि की उत्पादकता बनाए रखने के मद्देनजर राज्य सरकार का यह निर्णय एक मई से लागू होगा।
प्रदेश में 80 लाख फार्मर आईडी बनी
बैठक में बताया गया कि स्वामित्व योजना और फार्मर रजिस्ट्री के मामले में मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। स्वामित्व योजना में प्रदेश में ग्रामीण आबादी में निजी लक्षित सम्पत्तियों की संख्या लगभग 45.60 लाख है। इनमें से लगभग 39.63 लाख निजी सम्पत्तियों का अधिकार अभिलेख वितरित कर दिया गया है, योजना का 88 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। बाकी कार्य जून 2025 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। साथ ही फार्मर रजिस्ट्री के लिए विशेष कैंप एवं स्थानीय युवाओं का सहयोग लिया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 80 लाख फार्मर आईडी बनाई जा चुकी हैं, यह कार्य भी जून 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
वर्ष 2024 से प्रदेशभर में हो रहा फसलों का डिजिटल सर्वे
राजस्व विभाग ने गिरदावरी के लिए वर्ष 2024 से फसलों का डिजिटल सर्वे कार्य शुरू किया है। इसमें 60 हजार से अधिक ग्रामीण युवाओं द्वारा खेत और फसलों का सर्वे कार्य पूर्ण किया जा रहा है। प्रदेश में 190 तरह की फसलों की खेती हो रही है।
समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख राजस्व आयुक्त विवेक पोरवाल, राजस्व आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।