महाराष्ट्र सरकार ने 49 लाख कपास और सोयाबीन किसानों को जारी की 2398 करोड़ रुपये की सब्सिडी

महाराष्ट्र सरकार ने कपास और सोयाबीन उत्पादक किसानों को खरीफ सीजन 2023 के लिए सब्सिडी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सोमवार को सरकार ने 49.5 लाख पंजीकृत किसानों के खातों में 2,398.93 करोड़ रुपये जमा किए

महाराष्ट्र सरकार ने कपास और सोयाबीन उत्पादक किसानों को खरीफ सीजन 2023 के लिए सब्सिडी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सोमवार को राज्य कैबिनेट की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार ने सब्सिडी वितरण के पहले चरण की शुरूआत की। सरकार ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) से 49.5 लाख पंजीकृत किसानों के खातों में 2,398.93 करोड़ रुपये जमा किए। 

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा कि 96 लाख किसान इस योजना के लाभ के लिए पात्र हैं। आधार वेरिफिकेशन और अन्य प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद चरणबद्ध तरीके से बाकी किसानों को भी सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा।

पिछले साल खरीफ सीजन में सोयाबीन और कपास की फसल को काफी नुकसान हुआ था। जिसके बाद सरकार ने प्रति हेक्टेयर 5,000 रुपये की सब्सिडी देने की घोषणा की थी। एक किसान सिर्फ दो हेक्टेयर तक ही इस सब्सिडी का लाभ उठा सकता है। कृषि में बढ़ती इनपुट लागत और अप्रत्याशित मौसम के कारण जूझ रहे किसानों को वित्तीय राहत प्रदान करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।  

महाराष्ट्र में नवंबर से पहले विधानसभा चुनाव होने हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान प्याज किसानों की नाराजगी के चलते सत्तारूढ़ दलों को इसका राजनीतिक खामियाजा भुगतना पड़ा था। वहीं, अब विधानसभा चुनाव में ऐसी स्थिति न बने इसलिए सरकार सोयाबीन और कपास उत्पादक किसानों को नाराज नहीं करना चाहती। 

महाराष्ट्र में प्याज के अलावा सोयाबीन और कपास की खेती बड़े पैमाने पर होती है। इन फसलों की कम कीमतों के कारण किसान इन दिनों काफी परेशान हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र दौरे के दौरान कहा था कि इस सीजन में कपास और सोयाबीन की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाएगी। वहीं केंद्र सरकार ने कच्चे खाद्य तेल पर आयात शुल्क भी बढ़ा दिया है, जिससे सोयाबीन की कीमतों में तेजी जरूर आई है, लेकिन कीमतें अभी भी एमएसपी के बराबर या उससे नीचे हैं।