मध्य प्रदेश बजट: कृषि व संबद्ध क्षेत्रों के बजट में 23 फीसदी बढ़ोतरी, कई अहम घोषणाएं

मध्य प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में किसानों के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं। सरकार ने ट्रेक्टर एवं कृषि उपकरण पर किसानों को सब्सिडी देने के लिए 208 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है। इसके साथ ही किसानों को कृषि पंपो और थ्रेशरों के लिए नि:शुल्क बिजली भी दी जाएगी।

मध्य प्रदेश सरकार ने बुधवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 3.65 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 16 प्रतिशत की वृद्धि है। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तथा वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट पेश करते हुए कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के लिए 66 हजार 605 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो गत वर्ष की तुलना में 23 फीसदी अधिक है। 

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए एमएसपी के अलावा गेहूं खरीद पर 125 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिया जा रहा है। इसके लिए 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में सिंचाई अंतर्गत क्षेत्र को वर्ष 2025-26 तक वर्तमान 50 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 65 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। सिंचाई परियोजनाओं के लिए 13,596 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

बजट में कृषि क्षेत्र का आवंटन पिछले वित्त वर्ष के 22,732 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 26,126 करोड़ रुपये कर दिया गया है। श्री अन्न उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लिए मध्यप्रदेश राज्य मिलेट मिशन शुरू किया गया है। कोदो-कुटकी की खरीद पर 10 रुपये प्रति किलो अतिरिक्त राशि दी जाएगी। जिला डिंडोरी में श्री अन्न अनुसंधान केंद्र की स्थापना प्रस्तावित है। 

मिट्टी परीक्षण लैब को एफपीओ और कृषि स्नातक उद्यमियों के माध्यम से संचालित करने के लिए 50 करोड़ रुपये बजट रखा गया है। कृषि अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए उज्जैन जिले में चना तथा ग्वालियर जिले में सरसों अनुसंधान संस्थान की स्थापना की जाएगी। किसानों को ट्रैक्टरों एवं कृषि उपकरण सब्सिडी के लिए 208 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है। 

अनुसूचित जाति एवं जनजाति के एक हेक्टेयर तक के भूमिधारकों को 5 हॉर्सपावर तक के विद्युत पंप उपयोग पर निशुल्क बिजली तथा अटल कृषि ज्योति योजना के अंतर्गत 10 हॉर्सपावर तक के किसानों को ऊर्जा प्रभार में सब्सिडी दी जा रही है। इसके लिए बजट में 11 हजार 65 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने 30 करोड़ रुपये का बजट रखा है। 

किसानों को शून्य ब्याज पर अल्पकालीन फसल ऋण उपलब्ध कराने के लिए बजट में 600 करोड़ रुपये का प्रावधान है। वित्त मंत्री ने बताया कि इससे प्रदेश के 32 लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे। राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 में किसानों को 23 हजार करोड़ रुपये का फसल कर्ज वितरण का लक्ष्य रखा है जबकि गत वर्ष किसानों को 19 हजार 946 करोड़ रुपये का फसल कर्ज वितरित किया था। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए वर्ष 2024-25 में 800 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है जो पिछले वर्ष की तुलना में 33 फीसदी अधिक है।

वित्त मंत्री ने दुग्ध उत्पादकों की आय में बढ़ोतरी के लिए मुख्यमंत्री सहकारी दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना शुरू करने का ऐलान किया है। इसके लिए 150 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। गौशालाओं में पशु आहार के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली राशि को प्रति गौवंश प्रति दिन 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये किया जाएगा। पशुपालकों तथा गौसंवर्धन से संबंधित योजनाओं का बजट पिछले वर्ष के 335 करोड़ रुपये से 76 फीसदी बढ़ाकर वर्ष 2024-25 में 590 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।