कर्नाटक के दूध उत्पादक किसानों की मांग को देखते हुए सिद्धारमैया सरकार ने नंदिनी दूध की कीमत 3 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी है। नई दरें 1 अगस्त से लागू होंगी। कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) नंदिनी ब्रांड नाम से दूध और दुग्ध उत्पादों की बिक्री करती है। गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार ने यह फैसला किया।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस फैसले का बचाव करते हुए शुक्रवार को कहा कि पूरे देश की तुलना में कर्नाटक में कम कीमत पर दूध की बिक्री होती है। अभी टोंड दूध की कीमत 39 रुपये प्रति लीटर है जो बढ़कर 42 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी। दूसरे राज्यों में इसकी कीमत 54-56 रुपये प्रति लीटर तक है। तमिलनाडु में यह 44 रुपये प्रति लीटर में मिलता है।
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि दूध के बढ़े दाम किसानों की जेब में जाएंगे। दुग्ध उत्पादकों के यूनियन दूध की खरीद कीमत बढ़ाने की मांग कर रहे थे जिसे देखते हुए यह फैसला किया गया है। इससे किसानों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में पूरे देश में टोंड दूध 56 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है। दाम बढ़ाने के बावजूद कर्नाटक के लोगों को दूसरे राज्यों की तुलना में काफी कम कीमत चुकानी होगी।
कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के प्रतिनिधियों के साथ एक हफ्ते पहले हुई बैठक के बाद कैबिनेट ने दूध के दाम बढ़ाने का फैसला किया है। उस बैठक में केएमएफ की ओर से कहा गया था कि निजी कंपनियां दुग्ध उत्पादकों को ज्यादा कीमत दे रही हैं जिसकी वजह से केएमएफ दूध की कम खरीद कर पा रही है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में नंदिनी दूध के मुद्दे ने राजनीतिक रंग ले लिया था जिसकी वजह से भाजपा को काफी नुकसान झेलना पड़ा था।