हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का असर उत्तराखंड तक पहुंच गया है। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत कई मांगों को लेकर बुधवार को उत्तराखंड के डोईवाला और रुद्रपुर में किसान संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन किया। रुद्रपुर में किसान ट्रैक्टरों पर सवाल होकर नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे और वहां धरने पर बैठ गये। डोईवाला से किसान ट्रैक्टर और जेसीबी लेकर देहरादून के लिए निकले, जिन्हें पुलिस ने रास्ते में रोक लिया।
तराई किसान संगठन के नेता तजिंदर सिंह विर्क ने रूरल वॉयस से कहा कि किसान अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार जिस तरह से किसानों के दमन की कार्रवाई कर रही है, वह लोकतंत्र के लिए शर्मसार करने वाला है। संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर उधमसिंह नगर के किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली और डीएम को 12 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा। विर्क ने बताया कि कल 22 फ़रवरी को चंडीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा की राष्ट्रीय स्तर की अहम बैठक बुलाई गई है जिसमें देश भर के किसान नेता शामिल होंगे और इस बैठक में सरकार के दमन के खिलाफ कई अहम निर्णय लिए जा सकते हैं।
भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर किसान बाजपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग 74 पर एकत्र हुए और वहां से ट्रैक्टर मार्च निकालते हुए रुद्रपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे। प्रदर्शनकारी किसानों ने पंजाब और हरियाणा के किसानों के ऊपर पुलिस कार्रवाई पर नाराजगी जताई।
डोईवाला में सैकड़ों किसानों ने एमएसपी की गारंटी सहित कई मांगों को ट्रैक्टर मार्च निकालकर देहरादून के लिए कूच किया। लेकिन पुलिस ने किसानों को लच्छीवाला टोल प्लाजा पर ही रोक लिया। यह विरोध प्रदर्शन ऐसे समय में हुआ है जब हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर हजारों किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन और कृषि ऋण सहित विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली कूच का प्रयास कर रहे हैं।
उत्तराखंड में हुए किसानों के विरोध-प्रदर्शन में बाजपुर, जसपुर और काशीपुर के किसान शामिल हुए। उधम सिंह नगर जिले के खटीमा से किसान ट्रैक्टरों से रुद्रपुर के लिए रवाना हुए। किसानों ने मांग की है कि सरकार उनकी मांगों को मानें या फिर उनके दिल्ली जाने के लिए रास्ता खोले।