रबी सीजन की बुवाई के लिए उर्वरकों की मांग तेज हो गई है। खासकर डीएपी डाईअमोनियम फास्फेट (डीएपी) को लेकर हर-तरफ मारामारी हो रही है। इसी बीच उर्वरकों की कालाबाजारी करने वाले सक्रिय हो गए हैं। साथ ही नकली उर्वरकों का व्यापार भी धड़ल्ले से चल रहा है। इसे रोकने के लिए राजस्थान कृषि विभाग इन दिनों राज्य में विशेष अभियान चला रहा है। जिसके तहत जगह-जगह छापेमारी की जा रही है। रविवार को बीकानेर में कृषि विभाग ने छापेमारी के दौरान नकली डीएपी और अन्य उर्वरकों की बड़ी खेप पकड़ी, जहां इनका अवैध रूप से भंडारण हो रहा था। इस कार्रवाई में 305 बैग नकली डीएपी और अन्य उर्वरक जब्त किए गए हैं।
कृषि विभाग की ओर दी गई जानकारी के अनुसार, विशेष गुण नियंत्रण अभियान के तहत रविवार को कृषि विभाग ने बीकानेर अवैध गोदाम से नकली डीएपी व अन्य उर्वरकों के 305 बैग पकड़े हैं। अवैध रूप से संचालित हो रहे गोदाम में इनके साथ मोलासेज पोटाश के 50 बैग, सागारिका के 3 बैग और 1900 खाली बैग के साथ दो सिलाई मशीन से पैकेज करते 10 श्रमिकों को पकड़ा गया। यह अवैध गोदाम प्लॉट बी-53 दयालदान मकान मालिक के नाम से है। इसे किराये पर हम्मीर बास झुन्झुनू के निवासी निकित लाम्बा को दिया गया था। लाम्बा द्वारा नकली डीएपी व अन्य सामग्री का यहां अवैध भंडारण व पैकेजिंग कार्य किया जा रहा था।
मौके पर बरामद नकली डीएपी व अन्य के कट्टे टीम द्वारा सीज किए गए हैं। इसके अतिरिक्त 1900 थैले मौके से खाली भी बरामद हुए हैं। कृभको के 13 नकली छपे हूए कट्टों व केआर फर्टीलाईजर के 53 कट्टों सहित खुद के रॉ मेटेरियल के 1900 कट्टों में उक्त भंडारण किया जा रहा था। कार्यवाही के दौरान संयुक्त निदेशक (कृषि) कैलाश चौधरी के नेतृत्व में सहायक निदेशक भैराराम गोदारा, सीआई सुरेन्द्र पचार सहित टीम के अन्य साथी मौजूद रहें।