हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को वित्त वर्ष 2024-24 का बजट पेश करते हुए कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास पर जोर दिया। कुल 58,444 करोड़ रुपये के वार्षिक बजट में मुख्यमंत्री ने दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 8 रुपये की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। साथ ही मनरेगा की दैनिक मजदूरी भी बढ़ाई है।
दूध का एमएसपी तय करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने गाय के दूध का एमएसपी 38 रुपये से बढ़ाकर 45 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध का एमएसपी 47 रुपये से बढ़ाकर 55 रुपये प्रति लीटर करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सभी दुग्ध सहकारी समितियों की देनदारियां माफ कर दी जाएंगी और दूध खरीद व प्रसंस्करण के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए संकल्पित हैं। किसानों और पशुपालकों को समृद्ध बनाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। सरकार की ओर से गोवंश के लिए 1200 रुपये प्रति गोवंश अनुदान दिया जाएगा। भेड़ बकरी पालक प्रोत्साहन योजना के तहत 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बजट में मुख्यमंत्री ने मनरेगा मजदूरों की दैनिक मजदूरी 60 रुपये बढ़ाकर 240 से 300 रुपये प्रतिदिन करने की घोषणा की।
- प्राकृतिक खेती पर बढ़ावा देने के लिए हिमाचल सरकार राजीव गांधी प्राकृतिक खेती योजना शुरू करेगी। इसके तहत प्रत्येक पंचायत के 10 किसानों और पूरे प्रदेश से 36,000 किसानों को प्राकृतिक खेती में प्रशिक्षित किया जाएगा।
- सेब पैकेजिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन पेश किए जाएंगे और बागवानी पर्यटन को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने 2026 तक हिमाचल प्रदेश को ग्रीन स्टेट बनाने के संकल्प को दोहराया।
- हिमाचल सरकार ने पंचायतों और शहरी निकायों के जन प्रतनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी की है। अब हिमाचल में ग्राम प्रधान का मानदेय 7200 रुपये तथा जिला परिषद अध्यक्ष व नगर निगम के महापौर का मानदेय 24,000 रुपये प्रतिमाह होगा।
- राज्य में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 500 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 10,000 रुपये, आशा कार्यकर्ता का मनदेय 300 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 5500 रुपये और मिड-डे मील वर्क्स का मानदेय 500 रुपये बढ़ाकर 4500 रुपये प्रतिमाह किया गया है।
सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार स्टार्टअप को बढ़ावा देने, खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के अलावा हिमाचल प्रदेश को फिल्म निर्माताओं के लिए एक प्रमुख गंतव्य बनाने और अवैध खनन गतिविधियों पर नजर रखने के लिए नई नीतियां पेश करेगी।