मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद हरियाणा में राइस मिलर्स की हड़ताल खत्म

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के आश्वासन के बाद हरियाणा राइस मिलर्स एसोसिएशन ने अपनी हड़ताल समाप्त करने और राज्य भर की मंडियों में धान का उठान फिर से शुरू करने की घोषणा की है

हरियाणा में धान की खरीद में अब तेजी आने की उम्मीद है, क्योंकि हरियाणा राइस मिलर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिले आश्वासन के बाद अपनी हड़ताल समाप्त कर दी है। इससे राज्य भर की मंडियों में धान का उठान फिर से शुरू हो सकेगा। गुरुवार को एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से चंडीगढ़ में मुलाकात की और अपनी मांगें सरकार के समक्ष रखीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राइस मिलर्स की अधिकतर मांगें एफसीआई व केंद्र सरकार से संबंधित हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसानों और व्यापारियों को किसी तरह की असुविधा न हो इसके लिए उनकी सभी मांगों को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मिलिंग शुल्क बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध करेगी। अगर केंद्र सरकार सहमति नहीं देती है, तो मिल मालिकों को बोनस देने पर विचार किया जाएगा। इसके साथ ही ड्रायज चार्ज 0.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 1 प्रतिशत करने और आउट-टर्न अनुपात में कमी के लिए भी केंद्र सरकार से सिफारिश की जाएगी।

हरियाणा राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा ने रूरल वॉयस को बताया कि राज्य सरकार के आश्वासन के बाद मिलर्स ने धान का उठान शुरू करने का निर्णय लिया है। हालांकि, मिलर्स की कुछ मांगें अभी भी लंबित हैं, जिन पर सरकार से सहमति नहीं बन पाई है। लेकिन, सरकार ने आश्वासन दिया है कि इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा।

गौरतलब है कि हरियाणा में धान की खरीद 23 सितंबर से शुरू होनी थी, लेकिन सरकार ने अचानक तारीख बदलकर 1 अक्टूबर कर दी। जब किसान मंडियों में पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि खरीद की तारीख आगे बढ़ा दी गई है। धान खरीद में हो रही देरी के कारण किसानों ने अनाज मंडियों के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। जिसके बाद सरकार को फिर तारिख बदलनी पड़ी और हरियाणा में 27 सितंबर से धान की खरीद प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन इस दौरान मिलर्स की हड़ताल के चलते किसानों को एक बार फिर परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस दौरान राज्य में विधानसभा चुनाव भी थे, जिससे खरीद धीमी रही। 

चुनाव खत्म होने के बाद भी किसान धीमी खरीद को लेकर परेशान हैं। गुरुवार को करनाल मंडी के बाहर ट्रैक्टरों की लंबी कतार देखने को मिली। किसान धान की फसल लेकर मंडी पहुंचे, लेकिन उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ा। इस वजह से नेशनल हाईवे पर भी कई घंटों तक जाम लगा रहा। किसानों का कहना है कि मंडियों में खरीद बहुत धीमी गति से हो रही है और खरीदी गई धान भी मंडियों में ही पड़ी है। मंडियों में जगह की कमी के चलते उन्हें सड़कों पर ही धान डालने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। जबकि अधिकारी भी चुप्पी साधे बैठे हैं। इससे किसानों में रोष बढ़ रहा है। हालांकि, राइस मिलर्स की हड़ताल खत्म होने से धान खरीद में तेजी आने की उम्मीद है।