छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन 2024-25 के लिए किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीद 14 नवंबर 2024 से शुरू होगी। यह खरीद 31 जनवरी 2025 तक जारी रहेगी। यह निर्णय बुधवार को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में धान की उपार्जन और कस्टम मिलिंग की नीति को मंजूरी दी गई।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन और कस्टम मिलिंग की नीति को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार ने 2024-25 खरीफ विपणन वर्ष के लिए 160 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है। किसानों के पंजीकरण की प्रक्रिया एकीकृत किसान पोर्टल के माध्यम से चल रही है, जो 31 अक्टूबर तक जारी रहेगी।
अरुण साव ने कहा कि समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए बायोमेट्रिक व्यवस्था पूर्व वर्ष की भांति लागू रहेगी। साथ ही खरीदी केन्द्रों में धान के नियंत्रित एवं व्यवस्थित रूप से खरीद के लिए सीमांत एवं छोटे किसानों को अधिकतम दो टोकन तथा दीर्घ कृषकों को अधिकतम तीन टोकन देने का निर्णय भी लिया गया।
सभी खरीदी केन्द्रों में धान की खरीद इलेक्ट्रॉनिक तौल यंत्र के माध्यम से की जाएगी। धान खरीद के लिए जूट आयुक्त के माध्यम से 4.02 लाख बंडल नए जूट बोरों की खरीद को मंजूरी दी गई है, जबकि लगभग 8 लाख बंडल बोरों की जरूरत होगी। इसके साथ ही, कुल 8 लाख गठान बारदाने की आवश्यकता भी होगी।
मंत्रिपरिषद की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में सहकारी समितियों में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटरों को 18,420 रुपये प्रति माह के मान से कुल 12 महीने का मानदेय भुगतान किया जाएगा। इस पर कुल 60 करोड़ 54 लाख रुपये का व्यय भार आएगा, जिसका भुगतान पूर्व वर्षों की भांति मार्कफेड को किया जाएगा।