हिमाचल में जुलाई से शुरू होने वाले सेब सीजन से पहले बागवानों के लिए खुशखबरी है। हिमाचल सरकार ने सेब का मालभाड़ा तय करने का नया फॉर्मूला तैयार किया है। प्रदेश में पहली बार सेब का मालभाड़ा वजन और दूरी (किलोग्राम और किलोमीटर) के आधार पर तय किया जाएगा। इससे प्रदेश के लाखों बागवानों को बड़ी राहत मिलेगी। सेब सीजन को लेकर प्रदेश सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को राज्य सचिवालय शिमला में एक बैठक की गई, जिसकी अध्यक्षता बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने की।
बैठक के बाद उन्होंने कहा कि हिमाचल सेब उत्पादन के लिए विश्व भर विख्यात है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सेब का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। ऐसे में सरकार सेब सीजन को लेकर गंभीर है। पहली बार इस सीजन में यूनिवर्सल कार्टन को उपयोग में लाया जा रहा है, जिससे बागवानों को मंडियों में सेब बेचते वक्त नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। बागवानी मंत्री ने साफ किया कि इस सीजन से मंडियों में सेब सिर्फ यूनिवर्सल कार्टन में बिकेगा। बाहरी राज्यों को भी सेब यूनिवर्सल कार्टन में ही भेजा जाएगा।
'केजी और किमी' के आधार पर तय होगा मालभाड़ा
जगत सिंह नेगी ने आगे कहा कि यूनिवर्सल कार्टन लागू करने के बाद सरकार ने वजन और दूरी (किलोग्राम और किलोमीटर) के आधार पर सेब का मालभाड़ा तय करने का फैसला लिया है। नेगी ने अधिकारियों को मालभाड़ा तय करने के नियमों में बदलाव के लिए उपयुक्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने व्यापारियों के पंजीकरण और उन्हें लाइसेंस देने और फल उत्पादकों को समय पर भुगतान करने के निर्देश भी जारी किए। नेगी ने शिमला जिला प्रशासन को मांग के अनुसार पेटियों सहित सेब को समय पर मंडियों में पहुंचाने के लिए ट्रकों और पिकअप की उपलब्धता सुनिश्चित करने को भी कहा।
बैठक के दौरान बागवानी मंत्री ने सड़कों के रखरखाव के निर्देश भी दिए। उन्होंने शिमला जिले के फागू में मुख्य नियंत्रण कक्ष स्थापित करने और पुलिस विभाग को सेब सीजन के दौरान यातायात व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए। बैठक में लोक निर्माण विभाग को फल उत्पादक क्षेत्रों को टर्मिनल मंडियों से जोड़ने वाली सड़कों के उचित रखरखाव और भारी बारिश और लैंडस्लाइड से बाधित सड़कों को समय पर बहाल करने के निर्देश भी दिए गए।