उत्तराखंड में जंगलों की आग तो बुझी मगर भारी बारिश से कई जगह आफत

कई दिनों से धधक रही उत्तराखंड के जंगलों की आग बुझ गई लेकिन भारी बारिश से कई जगह तबाही ने दस्तक दे दी है।

उत्तराखंड में हुई बारिश से जंगलों की आग तो बुझ गई लेकिन कई जगह भारी बारिश, ओलावृष्टि और बादल फटने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बागेश्वर जिले के कपकोट और अल्मोड़ा के सोमेश्वर में मूसलाधार बारिश से घरों में मलवा घुस गया और कई मकानों क्षतिग्रस्त हो गये हैं। उत्तरकाशी के पुरोला में ओलावृष्टि हुई है।

भारी बारिश के बाद बोल्डर और मलवा आने से अल्मोड़ा-कौसानी राजमार्ग बन्द हो गया और कई रास्ते अवरुध हैं। ऋषिकेश-बदीरनाथ नेशनल हाईवे सिरोबगड़ में देर रात हुई भारी बारिश के कारण बंद रहा। इसे कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद खोला जा सका।

सोमेश्वर के चनौदा और अघूरिया में भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ। वहां बादल फटने से सैलाब आ गया। कई मकानों में दरारें पड़ गईं। लोग घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर दौड़ पड़े। प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया है। कई वाहन भी मलवे की चपेट में आ गए हैं, कुछ के बहने की सूचना है। कपकोट में सड़क पर खड़ी बीआरओ की पोकलेन बहकर गधेरे में जा गिरी। जिला अस्पताल के वार्ड में भी पानी भर गया। 

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 13 मई तक उत्तराखंड में बारिश की संभावना जताई है। कई जिलों में तेज आंधी-तूफान आ सकते हैं। उत्तरकाशी, चमोली,रुद्रप्रयाग,टिहरी गढ़वाल, देहरादून,पौड़ी गढ़वाल,पिथौरागढ़, बागेश्वर,अल्मोड़ा और चंपावत में बिजली चमकने और गरज के साथ बारिश हो सकती है।

राज्य में 10 मई से चार धाम यात्रा शुरू हो रही है। मौसम विभाग ने यात्रियों को बारिश के दौरान पहाड़ियों पर यात्रा करने से बचने की चेतावनी दी है। लेकिन मौसम सुहावना होने से 10 अप्रैल से उत्तराखंड में पर्यटकों की तादाद बढ़ेगी। इस सप्ताह के अंत में दिल्ली-एनसीआर और देश के अन्य इलाकों से बड़ी तादाद में सैलानियों के उत्तराखंड पहुंचने की संभावना है।