पंजाब सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 1.96 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में इसमें कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए आवंटन में 20 फीसदी की वृद्धि हुई है। जबकि कुल बजट में 26 फीसदी की वृद्धि हुई है। इससे पता चलता है कि राज्य सरकार कृषि को कितना महत्व दे रही है। वैसे भी पंजाब कृषि आधारित राज्य है, इसलिए भी कृषि पर सरकार का फोकस है। आम आदमी पार्टी की सरकार के पहले पूर्ण बजट में 2,574 किसान मित्रों की नियुक्ति, मौसम की मार से बचाने के लिए फसल बीमा, और कृषि पंपों के सोलराइजेशन जैसी कई घोषणाएं कृषि क्षेत्र के लिए की गई। इसके अलावा ढाई लाख नौकरियां देने का वादा किया गया है।
जनहितैषी बजटः भगवंत मान
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बजट के बाद ट्वीट किया, “आज हमारी सरकार ने आम जनता का बजट पेश किया है जिसमें कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है। बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, रोजगार और व्यापार पर विशेष ध्यान दिया गया है। वित्त मंत्री हरपाल चीमा को जनहितैषी बजट बनाने के लिए बधाई।” पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने शुक्रवार को विधानसभा में अपना दूसरा बजट पेश किया। बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि मैं डॉ. एमएस स्वामीनाथन के वह शब्द दोहराता हूं जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि कृषि असफल हो जाती है तो कुछ भी सफल नहीं हो सकता है। अपने बजट में उन्होंने कृषि और संबधित क्षेत्र के लिए 20 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 13,888 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। चीमा ने कहा कि सरकार जल्द ही नई कृषि नीति लेकर आएगी। इसके लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की गई है। बजट में फसल विविधीकरण के लिए 1,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है, जबकि बासमती धान की खरीद के लिए एक रिवॉल्विंग फंड बनाया गया है। इसके अलावा किसानों को उनकी फसल की कम कीमत मिलने पर उन्हें होने वाले नुकसान से बचाने के लिए फसल बीमा योजना “भाव अंतर भुगतान” योजना शुरू करने की घोषणा बजट में की गई है।
बजट पेश करते हुए चीमा ने कहा कि धान और मूंग की फसल की सीधी बुवाई के लिए 125 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। राज्य में पराली जलाने की बड़ी समस्या है। इस मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं में 30 फीसदी की कमी आई है। साथ ही उन्होंने कहा कि अब ईट भट्ठों में कोयले की जगह पराली जलाई जाएगी। 2023-24 के बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 9,331 करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा आम उपभोक्ताओं को 300 यूनिट बिजली मुफ्त में देने की राज्य सरकार ने बजट में घोषणा की है।
मार्च 2022 में सत्ता में आने के बाद भगवंत मान सरकार ने सबसे पहले 22 मार्च को लेखानुदान पारित किया। फिर उसने बाकी समय के लिए जून में अपना बजट पेश किया। यह इस सरकार का पहला पूर्ण बजट है जो कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र पर केंद्रित है। बजट में कृषि एवं किसान कल्याण और सहकारिता क्षेत्र के लिए की गई घोषणाएं निम्नलिखित हैः-
कृषि और किसान कल्याण क्षेत्र
- कृषि क्षेत्र के लिए 13,888 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान।
- फसलों के विविधीकरण की एक विशेष योजना के लिए 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान।
- किसानों को जागरूक करने के लिए 2,574 किसान मित्रों की होगी नियुक्ति।
- धान की सीधी बिजाई और मूंग की फसल के लिए 125 करोड़ रुपये का आवंटन।
- पराली प्रबंधन के लिए 350 करोड़ रुपये का प्रावधान।
- किसानों को मुफ्त बिजली के लिए 9,331 करोड़ का प्रावधान।
- बागवानी क्षेत्र के लिए 253 करोड़ रुपये देने की घोषणा।
- पांच नए बागवानी एस्टेट बनेंगे। लुधियाना, गुरदासपुर, पटियाला, बठिंडा और फरीदकोट में लगने वाले इन बागवानी एस्टेट के लिए 40 करोड़ रुपये रखे गए हैं।
- पंजाब कृषि विश्वविद्लाय ने टिशू कल्चर तकनीक से सेब की नई किस्म विकसित की है जो गर्म क्षेत्र के लिए है। इससे आने वाले दो सालों में पंजाब में सेब के अपने बागान होंगे।
- कपास के बीज पर 33 फीसदी सब्सिडी देने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फंड बनाया गया है।
- बीजों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ट्रैक एंड ट्रेस मैकेनिज्म की घोषणा।
- धान की फसल के लिए डीएसआर तकनीक अपनाने वाले 30,312 किसानों को प्रति एकड़ 1,500 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा
- गन्ना किसानों को समर्थन देने के लिए शुगरफेड को 400 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया गया है। इसमें 250 करोड़ रुपये अगले वित्त वर्ष के लिए है।
सहकारिता
- गन्ने की कुशल प्रोसेसिंग और मूल्यवर्धन के लिए बटाला और गुरदासपुर में नए शुगर कांप्लेक्सों की स्थापना की घोषणा।
- मार्कफेड द्वारा खन्ना में कच्चे पाम ऑयल की प्रोसेसिंग के लिए नई रिफाइनरी और वनस्पति प्लांट लगाने की घोषणा
- मार्कफेड सरसों की फसल की प्रोसेसिंग के लिए बुढलाडा और गिदड़बाहा में दो नई तेल मिलें स्थापित करेगा।