बकाया गन्ना भुगतान को लेकर शामली में किसानों ने किया हाइवे जाम, कलेक्ट्रेट का घेराव

उत्तर प्रदेश के शामली में सर शादीलाल अपर दोआब शुगर मिल परिसर में पिछले एक हफ्ते से धरने पर बैठे गन्ना किसानों ने सोमवार को पानीपत-खटीमा हाईवे जाम कर दिया। बकाया भुगतान की मांग पर कोई नतीजा नहीं निकलने पर किसानों ने सोमवार को शामली कलेक्ट्रेट की ओर कूच करने का फैसला लिया। सैकड़ों की संख्या में किसान धरना स्थल से कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे। गुस्साए किसानों ने कलेक्ट्रेट के सामने पानीपत-खटीमा हाईवे पर जाम लगा दिया, जिससे वहां वाहनों की लंबी कतार लग गईं

शामली कलेक्ट्रेट का घेराव करते किसान

- शामली से आशीष कुमार

उत्तर प्रदेश के शामली में सर शादीलाल अपर दोआब शुगर मिल परिसर में पिछले एक हफ्ते से धरने पर बैठे गन्ना किसानों ने सोमवार को पानीपत-खटीमा हाईवे जाम कर दिया। चीनी मिल पर पेराई सीजन 2022-23 का 188 करोड़ रुपये का गन्ना भुगतान बकाया है। इस बकाया भुगतान की मांग पर कोई नतीजा नहीं निकलने पर किसानों ने सोमवार को शामली कलेक्ट्रेट की ओर कूच करने का फैसला लिया। सैकड़ों की संख्या में किसान धरना स्थल से कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे। जानकारी मिलते ही पुलिस ने कलेक्ट्रेट के बाहर बैरिकेड लगा दिए और किसानों को अंदर घुसने नहीं दिया गया। गुस्साए किसानों ने कलेक्ट्रेट के सामने पानीपत-खटीमा हाईवे पर जाम लगा दिया, जिससे वहां वाहनों की लंबी कतार लग गईं। किसान देर शाम 9 बजे तक हाईवे पर जमे थे। 

गन्ना किसान पेराई सीजन 2022-23 का शामली की सर शादीलाल शुगर मिल पर बकाया का पूरा भुगतान तुरंत करने की मांग रहे हैं। इस मांग को लेकर किसान पिछले एक हफ्ते से चीनी मिल परिसर मेंं धरना दे रहे हैं। बकाया भुगतान को लेकर प्रशासन और किसानों के बीच अब तक कई बार वार्ता हो चुकी की, लेकिन अभी तक किसानों को समस्या का हल नहीं निकल पाया है। 


शामली कलेक्ट्रेट के बारह किसानों को रोकने के लिए बैरिकेड लगाते पुलिस कर्मी

देश की सबसे पुरानी चीनी मिलों में शुमार शामली स्थित सर शादीलाल शुगर मिल पर किसानों का वर्ष 2022-2023 का करीब 213 करोड रुपए बकाया था। इसके साथ ही पिछले पेराई सीजन 2023-2024 के शुरू में भी इस मांग को लेकर किसानों ने धरना दिया था और उसके चलते चीनी मिल में देरी से पेराई शुरू हो सकी थी। वहीं 2023-24 सीजन का भुगतान चीनी मिल ने अगस्त माह में पूरा कर दिया है। लेकिन 2022-23 का बकाया बरकरार है। सितंबर में इस मुद्दे पर चीनी मिल प्रबंधन और किसानों के बीच स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर यह भुगतान चार किस्तों में देने पर सहमति बनी थी। जिसकी 25 करोड़ रुपये की पहली किस्त का भुगतान किसानों को सितंबर के तीसरे सप्ताह में हो गया है। लेकिन तय भुगतान फार्मूला को चीनी मिल द्वारा लागू नहीं किये जाने का आरोप किसान लगा रहे हैं। जिसके मुताबिक अक्तूबर में सारा भुगतान होना था। मिल द्वारा पहली किस्त के बाद भुगतान रोक दिया गया है और उसके चलते चीनी मिल पर 188 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान बकाया है।

शामली सर शादीलाल अपर दोआब चीनी मिल पिछले कई साल से वित्तीय संकट से गुजर रही थी। जिसके चलते इसे त्रिवेणी समूह ने खरीद लिया है। कंपनी ने पहले मिल के एक साझीदार से इक्विटी खरीदी, उसके बाद ओपन ऑफर निकाला और अब इसका प्रबंधन त्रिवेणी समूह के पास है। आंदोलनरत किसान संजीव शास्त्री का कहना है कि  इस मालिकाना बदलाव को किसान एक सकारात्मक रूप में देख रहे थे और उन्हें उम्मीद थी कि इस बड़े समूह द्वारा मिल को खऱीदे जाने के बाद उनका भुगतान समय पर हो सकेगा। लेकिन अब वह निराश हैं। 


हाईव पर जाम लगाकर प्रदर्शन करते किसान

समय पर भुगतान नहीं होने पर किसानों ने एक बार फिर आंदोलन शुरू किया और शुगर मिल के अंदर धरना दे दिया। किसानों ने प्रशासन को सोमवार दोपहर 2 बजे तक अल्टीमेटम दिया था। जिसके बाद किसानों ने शामली कलेक्ट्रेट की तालाबंदी का घोषणा कर दी। जब किसान कलेक्ट्रेट पहुंचकर तालाबंदी करने की कोशिश करने लगे, तो प्रशासन ने उन्हें रोक दिया और भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। इसके बाद किसानों ने कलेक्ट्रेट के बाहर हंगामा किया और हाईवे जाम लगा दिया। किसान नेताओं की मांग है कि शुगर मिल पर 188 करोड़ का बकाया भुगतान किया जाए, तब वे अपना आंदोलन खत्म कर देंगे। किसानों के हाईवे जाम करने से वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।