पंजाब में किसानों को धान की सरकारी खरीद में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्टोरेज की किल्लत और पिछले साल के अनाज की लिफ्टिंग न होने से धान खरीद की प्रक्रिया धीमी चल रही है। जबकि किसानों को धान कटाई पूरी कर रबी सीजन की बुवाई करनी है।
किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने धान खरीद की समस्या का समाधान न होने पर 26 अक्टूबर से पंजाब में कई जगह नेशनल हाईवे बंद करने का ऐलान किया है। गुरुवार को चंडीगढ़ के किसान भवन में दोनों फोरम के नेताओं ने प्रेस वार्ता कर धान खरीद में आ रही मुश्किलों, और डीएपी की पर्याप्त उपलब्धता न होने और पराली जलाने से जुड़े मुद्दे उठाए।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि पंजाब सरकार ने समय रहते धान खरीद के पुख्ता प्रबंध नहीं किए जिसके चलते किसानों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 20 वर्षों से सभी सरकारों ने कभी भी किसानों को मंडी में खरीद को लेकर परेशान नहीं होने दिया। भगवंत मान सरकार बार-बार आश्वासन देती रही, लेकिन समय पर खरीद करने में असमर्थ रही है।
किसान नेताओं ने कहा कि प्रदेश में किसानों को सही मात्रा में डीएपी नहीं मिल पा रहा है। दोनों फोरम के नेताओं ने पंजाब सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शुक्रवार तक प्रदेश की सारी मंडियों में सही मायने से खरीद नहीं हुई तो 26 अक्टूबर को माझा, मालवा और दोआबा में नेशनल हाईवे को धान खरीद की समस्या का समाधान होने तक बंद कर दिया जाएगा। हालांकि, इस दौरान इमरजेंसी सेवाओं के लिए खास इंतजाम किया जाएगा।
किसान नेताओं ने बताया कि गुरुवार दोपहर बाद वे राइस मिल मालिकों के साथ भी मीटिंग करेंगे और धान खरीद की दिक्कतों का हल निकलवाने का प्रयास करेंगे। पंधेर ने कहा कि हम पूरे पंजाब में चक्का जाम कर सकते हैं लेकिन अभी भी सरकार को समय देना चाहते हैं। उन्होंने किसानों की दुर्दशा के लिए पंजाब सरकार के साथ-साथ भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया। साथ ही पराली जलाने के आरोप में किसानों पर केस दर्ज करने और रेड एंट्री की कार्रवाई पर भी ऐतराज जताया।
पंजाब की मंडियों में धान की खरीद इसलिए भी प्रभावित हुई है, क्योंकि राज्य के राइस मिलर्स ने उनकी मांगें पूरी होने तक धान की मिलिंग करने से इनकार कर दिया था। पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर राज्य में अनाज भंडार खाली न करने का आरोप लगाया है, ताकि नई उपज के भंडारण के लिए पर्याप्त जगह न बनाई जा सके।
किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) की प्रेस वार्ता में किसान नेता सुरजीत सिंह फूल, मंजीत सिंह राय, अमरजीत सिंह मोहड़ी, दिलबाग सिंह हरीगढ़, सतनाम सिंह बेहरू, जंग सिंह बथेड़ी, गुरदीप सिंह भट्टी, तेजवीर सिंह पंजोखडा साहिब, गुरअमनीत सिंह मांगट, गुरबिंदर सिंह सदरपुर, सुखचैन सिंह, हरप्रीत सिंह बहरामके, गगनदीप सिंह मोहड़ी मौजूद रहे।