पंजाब में धान की धीमी खरीद का मुद्दा गरमाता जा रहा है। प्रदेश में कई जगह किसान धान खरीद की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) की अगुवाई में किसानों ने राज्य के 25 टोल प्लाजा फ्री कराए। किसानों ने जगह-जगह सड़कों पर प्रदर्शन किए, जिससे राष्ट्रीय राजमार्गों और सड़कों पर घंटों तक जाम लगा रहा। किसान बठिंडा, अमृतसर, तरनतारन, पटियाला और संगरूर में टोल प्लाजा पर पक्का मोर्चा लगाकर बैठे हैं। गुरुवार को किसानों ने बठिंडा के चार टोल प्लाजा और तरनतारन व अमृतसर में तीन-तीन जगहों पर टोल ऑपरेटरों को टोल वसूलने से रोक दिया गया। पटियाला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी टोल प्लाजा चार घंटे से ज्यादा समय तक अवरुद्ध रहा।
भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने रूरल वॉयस को बताया कि धान की धीमी खरीद को लेकर गुरुवार को किसानों ने पंजाब के 14 जिलों में 25 टोल प्लाजा फ्री करवाए। उन्होंने कहा कि किसान टोल प्लाजा के बाहर धरना दे रहे हैं और यह तब तक जारी रहेगा जब तक धान की खरीद बेहतर तरीके से नहीं होती। शुक्रवार को किसान बीजेपी और आम आदमी पार्टी के विधायकों के घरों के बाहर भी प्रदर्शन करेंगे।
जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि धान की धीमी खरीद से किसान बहुत परेशान हैं। मंडियों में धान रखने की जगह नहीं बची है और मिलर्स अपनी मांगें पूरी न होने के कारण धान नहीं उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक धान खरीद की समस्या हल नहीं हो जाती, किसान अपना धरना जारी रखेंगे।
गौरतलब है पंजाब में 1 अक्टूबर से धान की सरकारी खरीद शुरू हुई थी, लेकिन राइस मिलर्स और आढ़तियों की हड़ताल के चलते धान खरीद की प्रक्रिया सुचारू रूप से नहीं हो पा रही थी। मिलर्स ने मिलिंग रेट और जगह की कमी की मांगें रखी थीं, पांच अक्टूबर को मुख्यमंत्री भगवंत मान से बातचीत के बाद उन्होंने हड़ताल खत्म कर दी थी। आढ़तियों ने भी 7 अक्टूबर को हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया था।
सरकार ने आश्वासन दिया था कि उनकी मांगें केंद्र सरकार के सामने रखी जाएंगी और जल्द उन्हें पूरा किया जाएगा। हालांकि, हड़ताल खत्म होने के बावजूद, किसानों को अभी भी धान बेचने में परेशानी हो रही है। किसानों का कहना है कि 15 दिन बीत जाने के बाद भी पंजाब में धान की खरीद बहुत धीमी हो रही है, जिससे उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।