हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन आज 33वें दिन भी जारी रहा। इस बीच, शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अस्पताल नहीं भेजने के लिए पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अवकाश पीठ ने पंजाब सरकार को डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करने को मनाने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया है। पीठ ने उन किसान नेताओं की मंशा पर भी संदेह जताया जो 70 वर्षीय किसान नेता को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने का विरोध कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई पर जगजीत सिंह डल्लेवाल ने वीडियो के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया दी है। अपने वीडियो सन्देश में डल्लेवाल ने कहा, “मैं अपनी स्वेच्छा से आमरण अनशन कर रहा हूँ और किसी के दबाव में नहीं हूं। केंद्र सरकार के इशारे पर जान-बूझकर यह भ्रम फैलाने का प्रयास किया जा रहा है कि मैं किसी के दबाव में हूँ।” उन्होंने कहा कि वह किसानों को उनके हक दिलाने के लिए आमरण अनशन कर रहे हैं।
अपने संदेश में डल्लेवाल ने कहा कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को एक पत्र लिखा है, जिसमें केंद्र सरकार को किसानों की मांगों को स्वीकार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। लेकिन इस मुद्दे को जानबूझकर राज्य सरकार तक सीमित करने का प्रयास किया जा रहा है जबकि हमारी मांगें केंद्र सरकार से हैं। उन्होंने कहा कि एमएसपी गारंटी कानून के मुद्दे पर संसद और सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की सिफारिशों को भी केंद्र सरकार लागू नहीं कर रही है।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने 4 जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर एक बड़ी किसान महापंचायत बुलाई है जिसमें देश भर से किसान पहुंचेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत बहुत नाजुक है। वो नाजुक स्थिति होने के बावजूद 4 जनवरी को खनौरी किसान मोर्चे पर आयोजित किसान महापंचायत से देशवासियों को अपना सन्देश देंगे। इस बीच, शनिवार को लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने खनौरी बॉर्डर पहुंचकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात की।
इस बीच, पंजाब सरकार के अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय टीम ने फिर से डल्लेवाल से मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया कि अगर वह अपना अनशन जारी रखना चाहते हैं तो भी चिकित्सा उपचार स्वीकार करें। सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार ने अपनी बेबसी जाहिर करते हुए कहा था उसे आंदोलनकारी किसानों से भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है, जिन्होंने डल्लेवाल को घेर रखा है और उन्हें अस्पताल ले जाने से रोक रहे हैं।