बिहार में बारिश की कमी को देखते हुए राज्य सरकार ने खरीफ सीजन के लिए डीजल अनुदान योजना शुरू कर दी है। इस योजना के तहत किसानों को सिंचाई के लिए सब्सिडी पर डीजल मिलेगा। योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया 26 जुलाई से शुरू हो चुकी है। किसान 30 अक्टूबर तक आवेदन कर सकते हैं। योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को बिहार कृषि विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा।
एक एकड़ जमीन की सिंचाई के लिए औसतन 10 लीटर डीजल की जरूरत होती है। खरीफ फसलों की सिंचाई के लिए किसानों को प्रति एकड़-प्रति सिंचाई 750 रुपये की दर से अनुदान दिया जाएगा। वहीं, धान और जूट की फसल की दो बार सिंचाई के लिए 1500 रुपये प्रति एकड़ मिलेंगे। इसी तरह, अन्य खरीफ फसलों के लिए तीन बार सिंचाई पर 2250 रुपये प्रति एकड़ दिए जाएंगे।
अधिकतम 8 एकड़ तक के लिए किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। यह लाभ परिवार के एक ही सदस्य को मिलेगा। रैयत और गैर-रैयत दोनों तरह के किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। रैयत किसानों को आवेदन के समय लगान रसीद अपलोड करनी होगी। जबकि गैर-रैयत किसानों की पहचान संबंधित वार्ड सदस्य, वार्ड पार्षद, मुखिया, सरपंच, या पंचायत समिति के सदस्य और कृषि समन्वयक द्वारा की जाएगी।
डीजल का उपयोग केवल सिंचाई के लिए होना चाहिए और इसकी जांच कृषि समन्वयक करेंगे। अधिकृत पेट्रोल पंप से खरीदे गए डीजल की डिजिटल पावती रसीद मान्य होगी, जिसमें किसान का 13 अंकों का पंजीकरण संख्या का अंतिम दस अंक अंकित होना चाहिए। राज्य के बाहर के पेट्रोल पंप से खरीदे गए डीजल पर सब्सिडी नहीं मिलेगी।
यह योजना केवल ऑनलाइन पंजीकृत किसानों के लिए है। आवेदन में किसी त्रुटि के कारण अस्वीकृत होने पर किसान दोबारा आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए किसान कृषि विभाग, बिहार सरकार की वेबसाइट https://dbtagriculture.bihar.gov.in पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
बिहार के कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु में हो रहे निरंतर परिवर्तन से राज्य की खेती प्रभावित हो रही है। इस साल सामान्य बारिश की उम्मीद थी, लेकिन अब तक पर्याप्त बारिश नहीं हुई है, जिससे किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति को देखते हुए, मुख्यमंत्री ने किसानों को सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए डीजल अनुदान योजना शुरू करने का निर्देश दिया है। इस योजना के तहत, किसानों द्वारा खरीदे गए डीजल की राशि उन्हें सब्सिडी के रूप में वापस की जाएगी। यह सब्सिडी सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी, जिससे उन्हें तत्काल राहत मिलेगी।