प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में हडकंप मच गया है। केंद्र सरकार के इस फैसले से किसान और प्याज व्यापारी काफी नाराज हैं। सोमवार को विपक्षी विधायकों ने प्याज निर्यात पर रोक के खिलाफ महाराष्ट्र विधान भवन की सीढ़ियों पर विरोध-प्रदर्शन किया। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कई विपक्षी विधायकों ने प्याज की मालाएं पहनकर प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विरोध प्रदर्शन करने वालों में विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, राकांपा नेता अनिल देशमुख शामिल थे।
प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध के बाद महाराष्ट्र के नासिक जिले में किसानों ने हाईवे जाम कर विरोध-प्रदर्शन किया। नासिक जिले के लासलगांव, नंदगांव, पिंपलगांव और उमराने की प्याज मंडियों में पिछले चार-पांच दिनों से किसान विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं जिसके चलते इन मंडियों में प्याज की नीलामी बंद है। विपक्षी दलों ने सरकार के इस कदम को "किसान विरोधी" करार देते हुए प्रतिबंध हटाने की मांग की है।
इस साल प्याज की महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाये। अगस्त में प्याज पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगा दिया था। इससे प्याज का निर्यात नहीं रुका तो प्याज के निर्यात पर 800 अमेरिकी डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगा दिया। अंतत: पिछले सप्ताह सरकार ने प्याज के निर्यात पर मार्च, 2024 तक रोक लगा दी।
कोई रास्ता निकालेंगे: शिंदे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का कहना है कि उनकी सरकार कोई ना कोई रास्ता निकालेगी ताकि प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध से किसानों को नुकसान न पहुंचे। नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए सीएम शिंदे ने कहा कि उन्होंने प्याज के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से टेलीफोन पर बातचीत की और महाराष्ट्र की स्थिति से अवगत कराया। इस मसले का कोई ना कोई हल निकाला जाएगा।
जनवरी तक नीचे आएंगी प्याज की कीमतें
प्याज के दाम जनवरी तक घटने के आसार हैं। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने उम्मीद जताई कि जनवरी तक प्याज की कीमतें मौजूदा औसत 57.02 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर 40 रुपये प्रति किलोग्राम से नीचे आ जाएंगी। एक सम्मेलन के दौरान रोहित कुमार सिंह ने कहा कि प्याज के दाम 60 रुपये प्रति किलोग्राम को पार नहीं करेंगे। उनका कहना है कि प्याज निर्यात पर प्रतिबंध से किसानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। व्यापारियों का एक छोटा समूह भारतीय और बांग्लादेश के बाजारों में कीमतों के बीच अंतर का फायदा उठा रहा है। निर्यात प्रतिबंध से सिर्फ उन व्यापारियों को नुकसान होगा, जबकि भारतीय उपभोक्ताओं का फायदा होगा।