खरीफ सीजन 2023-24 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद में अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ में लाखों किसान अब तक अपना धान नहीं बेच पाए। विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य में धान खरीद अभियान को एक मार्च तक बढ़ाने की मांग की है। एक नवंबर को शुरू हुई धान की खरीद 31 जनवरी को पूरी होने वाली है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद दीपक बैज ने कहा कि धान खरीद अभियान को 1 मार्च तक बढ़ाया जाना चाहिए ताकि किसान अपनी उपज बेच सकें। बैज का कहना है कि चुनाव के चलते बहुत-से किसानों ने धान नहीं बेचा था। अभी भी 5 लाख से ज्यादा किसानों का धान बेचना बाकी है। एक नवंबर से जारी धान खरीद अभियान के तहत छत्तीसगढ़ में 23 लाख किसानों से लगभग 130 लाख टन धान की खरीद हो चुकी है।
दिसंबर में नवनिर्वाचित भाजपा सरकार ने प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदने का आदेश दिया था। लेकिन इससे पहले बड़ी संख्या में किसान पिछली सरकार द्वारा निर्धारित प्रति एकड़ 20 क्विंटल के हिसाब से धान बेच चुके थे। ऐसे किसानों को अतिरिक्त एक क्विंटल धान बेचना बाकी है।
छत्तीसगढ़ में पिछली कांग्रेस सरकार ने खरीफ सीजन 2023-24 में 135 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा था। प्रति एकड़ 21 क्विंटल खरीद के फैसले के बाद खरीद लक्ष्य भी बढ़ जाएगा। बैज ने कहा कि राज्य में कम से कम 150 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद होनी चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने धान खरीद केंद्रों पर कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए दावा किया कि किसानों को टोकन जारी करने और उपज की तौल की प्रक्रिया धीमी हो गई है। भाजपा ने किसानों को धान का भाव 3,100 रुपये प्रति क्विंटल देने का वादा किया था। लेकिन किसानों को अभी तक यह भाव नहीं मिला है। धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है जो कि सामान्य ग्रेड धान के लिए 2,183 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ए धान के लिए 2,203 रुपये है। कांग्रेस ने किसानों को धान का भाव 3,100 रुपये प्रति क्विंटल दिए जाने की मांग की है।