पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय की जमीन 'टूरिज्म विलेज' को देने का विरोध, आंदोलन की चेतावनी

कांगड़ा जिले में 'टूरिज्म विलेज' के लिए पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय की 112 हेक्टेयर जमीन हस्तांतरण के प्रस्ताव पर विवाद हो गया है। शिक्षकों और छात्रों ने इस निर्णय को अनुचित बताते हुए विरोध किया है।

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में 'टूरिज्म विलेज' के निर्माण के लिए पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय की 112 हेक्टेयर जमीन हस्तांतरित करने के प्रस्ताव पर विवाद खड़ा हो गया है। विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों ने इस निर्णय का कड़ा विरोध किया है। छात्रों का कहना है कि जमीन हस्तांतरण का प्रस्ताव पूरी तरह अनुचित है। विश्वविद्यालय को अधिक जमीन आवंटित करने के बजाय सरकार मौजूदा क्षेत्र को कम करने का प्रयास कर रही है। 

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल के प्रदेश मंत्री आकाश नेगी ने इस निर्णय को किसानों, विद्यार्थियों, और शोधार्थियों के लिए अन्यायपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा को पर्यटन की राजधानी बनाने का विचार तो सही है, लेकिन इसके लिए कृषि विश्वविद्यालय की जमीन लेना गलत है। नेगी ने आरोप लगाया कि सरकार इस जमीन हस्तांतरण के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति और अन्य अधिकारियों पर अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने का दबाव बना रही है।

उन्होंने कहा कि इस जमीन का उपयोग छात्रों के प्रायोगिक कार्यों और अनुसंधान गतिविधियों के लिए किया जाना चाहिए। इस कदम से विश्वविद्यालय के पास मौजूदा क्षेत्र कम हो जाएगा और उत्तर पश्चिमी हिमालय के लिए केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय बनने की संभावना भी समाप्त हो जाएगी। विद्यार्थियों ने जनवरी 2024 में मुख्य संसदीय सचिव, शहरी विकास एवं शिक्षा, आशीष बुटैल को एक ज्ञापन सौंपकर इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था, लेकिन अभी तक सरकार ने अपना निर्णय नहीं बदला है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने निर्णय नहीं बदला, तो इसके विरोध में छात्र आंदोलन करेंगे। जिसकी जिम्मेदार सरकार होगी।