मध्य प्रदेश में उर्वरकों की किल्लत को लेकर कांग्रेस ने लगाए आरोप

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर खाद की भारी किल्लत और बड़े पैमाने पर कालाबाजारी के गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि किसानों को महंगे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है और सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से भी नहीं ले रही है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर प्रदेश मे "गांव-खेत यात्रा" निकालने की घोषणा की है

मध्य प्रदेश में खाद (उर्वरक) की भारी किल्लत को लेकर कांग्रेस ने राज्य की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि राज्य में बड़े पैमाने पर खाद की कालाबाजारी हो रही है, जिसके लिए राज्य सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। कांग्रेस का आरोप है कि किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल रही है और उन्हें महंगे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। सरकार न केवल इस समस्या को हल करने में असफल रही है, बल्कि इस मुद्दे को गंभीरता से भी नहीं ले रही है। गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, और कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष केदार सिरोही ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य सरकार पर यह आरोप लगाए।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि यह मुद्दा राजनीतिक नहीं, बल्कि किसानों का है। उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा कि वह खुद को किसान पुत्र कहते हैं, लेकिन किसानों की समस्याओं को हल करने में नाकाम रहे हैं। प्रदेश में खाद की भारी किल्लत से अफरा-तफरी मची हुई है, लेकिन कृषि मंत्री झूठे दावे कर रहे हैं। पटवारी ने शिवराज सिंह को सबसे बड़ा किसान विरोधी बताया।

पटवारी ने कहा कि किसानों को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस "गांव-खेत यात्रा" निकालेगी। कांग्रेस कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर किसानों के साथ खेत में खड़े होकर सोशल मीडिया के जरिए सरकार से किए गए वादे पूरे करने की मांग करेंगे। इसमें प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री मोहन यादव, और देश-प्रदेश के कृषि मंत्रियों से किसानों के वादों को पूरा करने की मांग की जाएगी। कांग्रेस जल्द ही इस यात्रा की तारीखों की घोषणा करेगी।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि 1993 से 2003 तक, जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, तब खाद की कालाबाजारी नहीं होती थी। उस समय सुभाष यादव के पास कृषि विभाग था और सहकारी समितियों के गोदामों में बोवनी से पहले ही खाद उपलब्ध कराई जाती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि 2004 में शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने के बाद से कृषि विभाग पूरी तरह से भ्रष्ट हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने झूठे आंकड़े पेश कर हजारों करोड़ का घोटाला किया है, सब्सिडी में किसानों के फर्जी नाम जोड़े गए हैं, और ऑर्गेनिक खाद पर मिलने वाली ग्रांट में भी घोटाले हुए हैं।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि पहले कृषि विभाग में भ्रष्टाचार देखने को नहीं मिलता था, लेकिन जब से प्रदेश में भाजपा सरकार आई है, तब से हर तरफ भ्रष्टाचार बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने खाद वितरण की पुरानी व्यवस्था को बदलकर प्राइवेट कंपनियों के हाथों में सौंप दिया, जिससे कालाबाजारी बढ़ गई है। उन्होंने दावा किया कि लाखों टन खाद जो पहले सहकारी गोदामों से वितरित होती थी, अब कालाबाजारी के माध्यम से बेची जा रही है। उन्होंने सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट का जिक्र किया, जिसमें प्रदेश भर से किसानों ने खाद की कमी और कालाबाजारी की जानकारी दी। 

दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा 40 से 50 प्रतिशत खाद का कोटा निजी कंपनियों को सौंप दिया गया है और बिना कालाबाजारी के एक भी बोरी खाद नहीं मिल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को नॉन-फर्टिलाइजर उत्पाद जबरन खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो सरकार के आदेशों का उल्लंघन है। 

दिग्विजय सिंह यह भी कहा कि सरकार जानबूझकर कम मांग कर रही है और किसानों पर डीएपी की जगह मिश्रित खाद या एनपीके का इस्तेमाल करने का दबाव बनाया जा रहा है, जो डीएपी से महंगी और कम गुणवत्ता वाली है। उन्होंने मांग की कि सरकार प्रदेश की सभी 8 खाद टेस्टिंग लैब्स में सर्वदलीय कमेटी का गठन करे और जितनी कंपनियों की खाद गोदामों में पहुंची है, उसकी जांच हो। अगर एनपीके या मिश्रित खाद में कोई कमी पाई जाती है, तो संबंधित कंपनियों पर कार्रवाई की जाए।