राजस्थान में न्यूनतम समर्थम मूल्य (एमएसपी) पर बाजरे की खरीद को लेकर राज्य सरकार विचार करेगी। यह बात राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को विधानसभा में कही। भजनलाल विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान बाजरे की खरीद पर पूछे गए प्रश्न पर स्पष्ट करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने इस संबंध में केन्द्र सरकार को पत्र लिखा है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले पांच सालों में प्रदेश के किसानों के साथ धोखा हुआ और एमएसपी पर बाजरे की खरीद नहीं की गई। उन्होंने कहा कि गत सरकार के समय में बाजरे के किसानों को 1400 रुपए से 1500 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर अपनी फसल बेचने को मजबूर होना पड़ा, जबकि उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा और मध्य प्रदेश के किसानों का बाजरा 2300 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा था। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि वर्तमान सरकार किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है और बाजरे की पहली फसल पर ही कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने भी राज्य सरकार की किसानों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जैसे गेहूं पर बोनस, किसान सम्मान निधि, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी, और कृषि कनेक्शन जारी करना। उन्होंने कहा कि लंबे समय से प्रदेश में एमएसपी पर बाजरे की खरीद नहीं की गई है, लेकिन हमारी सरकार इस पर गंभीरता से विचार करेगी।
मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि 2022-23 में प्रदेश में 59.18 लाख टन और 2023-24 में 43.82 लाख टन बाजरे का उत्पादन हुआ, लेकिन एमएसपी पर बाजरे की खरीद का लक्ष्य निर्धारित नहीं होने के कारण खरीद नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में आने वाली खरीफ फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है।