लखनऊ
पोषक तत्वों से भरपूर विदेशी सब्जी ब्रोकली उत्तर प्रदेश में किसानों के बीच धीरे-धीरे काफी लोकप्रिय हो रही है। पौष्टिक गुणों के कारण उपभोक्ताओं में ब्रोकली की मांग बढ़ रही है। जिसके कारण ब्रोकली सहित की विदेशी सब्जियां की खेती किसान अपना रहे हैं।
लखनऊ स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर सबट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर (सीआएसएच) के अनुसार, लगभग 30,000 ब्रोकली के पौधे उन किसानों को प्रदान किए गए हैं, जो बाजार में अधिक मांग और उंची कीमतो के कारण इसकी खेती करने में ज्यादा रुचि रखते हैं। सीआईएसएच के निदेशक शैलेंद्र राजन ने रूरल वॉयस को बताया की कहा, "इसके पोषण मूल्य और बायोएक्टिव यौगिकों की उच्च सांद्रता के कारण विदेशी सब्जी ब्रोकली की लखनऊ में ज्यादा मांग है। डॉ. राजन ने कहा कि किसानों को पीक सीजन के दौरान फूलगोभी और गोभी जैसी पारंपरिक सब्जी फसलों से अच्छा रिटर्न नहीं मिलने के काऱण ब्रोकली की खेती गांवों में आम बात हो गई है क्योंकि किसान उसी जमीन से ब्रोकली की खेती करके इन फसलों की तुलना ज्यादा रिटर्न ले रहे हैं।
शहरी लोग विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने के लिए विदेशी सब्जियों का उपयोग करने में ज्यादा रुचि रखते हैं। जिसके कारण बाजार में मांग बढ़ती है और किसान अपनी उपज को थोक बाजार में बेचने में सक्षम होते हैं।
इस बीच, लगभग 250,000 शीतकालीन सब्जियों के पौधे कम संसाधन वाले किसानों को वितरित किये जा रहे हैं। इसके लिए सीआईएसएच जो आईसीएआर की एक विशेष प्रयोगशाला है। राजन ने कहा कि सर्दियों के मौसम में किसानों को पौध उपलब्ध करायी जाती है ताकि वह न केवल बढ़े बल्कि पोषक उद्यानों के महत्व को समझें और अपनी सब्जियां खुद उगाएं।
राजन ने कहा कि साल 2020 के अनुभव के आधार पर हम कह सकते है इस चालू सीजन में किसानों द्वारा 30 लाख रुपये से अधिक दाम के सब्जियों का उत्पादन करने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि वह अपनी अतिरिक्त उपज को ग्रामीण बाजार में बेचते हैं, जिससे उन्हें आय का एक स्थिर स्रोत मिलता है।
अमृत भारत महोत्सव कार्यक्रम के हिस्से के रूप में किसानों को ग्राफ्टेड पौधे और पौधे जैसे इनपुट प्रदान कर आईसीएआर स्थानीय कृषक समुदाय में भोजन और पोषण के बारे में जागरूकता पैदा करता है। राजन ने रेखांकित किया कि सामान्य स्वास्थ्य के लिए फलों और सब्जियों का नियमित सेवन जरूरी है। आम और अमरूद जैसे फल फ्लेवोनोइड्स, पॉलीफेनोलिक एसिड और विटामिन जैसे बायोएक्टिव पदार्थों के समृद्ध स्रोत हैं, जो मधुमेह, कैंसर और हृदय रोग के जोखिम को कम करते हैं।
संसाधनों के मामले में कमजोर किसानों को आईसीएआर-सीआईएसएच विभिन्न फलों और सब्जियों की फसलों के लिए क्वालिटी वाली पौध सामग्री की आपूर्ति करने के साथ-साथ उच्च पैदावार, बेहतर उत्पाद की गुणवत्ता और बेहतर बनाने के लिए सर्वोत्तम प्रबंधन सिस्टम को लागू करने में उनकी सहायता करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे है।