मध्यप्रदेश सरकार ने गेहूं की सरकारी खरीद पर 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने का ऐलान किया है। इस तरह राज्य में किसानों से गेहूं की खरीद 2600 रुपये प्रति क्विंटल के रेट पर की जाएगी। जबकि केंद्र सरकार ने रबी खरीद सीजन 2025-26 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये तय किया है।
भोपाल में रविवार को किसान आभार सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के साथ है और उनके हित में निरंतर कार्य कर रही है। हम 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद रहे हैं, इसमें 175 रुपये बोनस राशि है। मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि सरकार वर्ष 2024 में हुई धान खरीद पर 4000 रुपये प्रति हेक्टेयर की प्रोत्साहन राशि देने जा रही है। जिन किसानों से धान की खरीद हुई है, उनके खातों में यह पैसा पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि गेहूं और धान पर दिए जा रहे प्रोत्साहन के समान ही दुग्ध उत्पादन पर भी प्रोत्साहन स्वरूप बोनस प्रदान किया जाएगा।
गेहूं खरीद 15 मार्च से होगी
सरकार ने 15 मार्च से गेहूं खरीद शुरू करने का निर्णय लिया है। पहले यह खरीद एक मार्च से शुरू होनी थी, लेकिन गेहूं कटाई में देरी और अनाज में नमी की अधिकता को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है।
मध्यप्रदेश में इस वर्ष लगभग 80 लाख टन गेहूं की खरीद का अनुमान है। इसके लिए प्रदेश में 4000 खरीद केंद्र बनाए जाएंगे। गेहूं खरीद के लिए प्रदेश में लगभग तीन लाख किसान पंजीकरण करवा चुके हैं।
2600 रुपए नाकाफी: जीतू पटवारी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है कि गेहूं का 2600 रुपये दाम किसानों के लिए घाटे का सौदा है। क्योंकि खेती की लगत काफी बढ़ गई है। ऐसे में गेहूं के दाम 3000 रुपये से ऊपर होना चाहिए। सरकार अपने वादे से मुकर रही है। गौरतलब है कि भाजपा ने अपने संकल्प-पत्र में गेहूं का समर्थन मूल्य 2700 रुपये देने का वादा किया था।