"हर खेत तक सिंचाई का पानी" अभियान के अंतर्गत बिहार में निजी एवं सामुदायिक भूमि पर कूप निर्माण तथा निजी भूमि पर जल संचयन तालाब व फार्म पौंड निर्माण की योजना चलाई जा रही है। इसके तहत किसानों को तालाब और सिंचाई कूप निर्माण पर 80 से 100 फीसदी तक का अनुदान दिया जा रहा है। यह योजना बिहार के 16 जिलों में लागू की गई है। भूमि एवं जल संरक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसे में जो किसान अपने खेतों में तालाब और सिंचाई कूप का निर्माण कराना चाहते हैं, वह इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
योजना के तहत किसान निजी एवं सामुदायिक भूमि पर तालाब और सिंचाई कूप का निर्माण करवा सकते हैं। निजी जमीन पर 10 फीट व्यास एवं 30 फीट गहराई के सिंचाई कूप का निर्माण किया जाएगा। इसी तरह सामुदायिक/सरकारी जमीन पर 15 फीट व्यास एवं 30 फीट गहराई के सिंचाई कूप का निर्माण कराया जाएगा। वहीं, निजी भूमि पर 150 फीट लंबे, 100 फीट चौड़े एवं 8 फीट ऊंचे तालाब और सामुदायिक/सरकारी जमीन पर 100 फीट लंबे, 66 फीट चौड़े एवं 10 फीट ऊंचे तालाब के निर्माण पर अनुदान दिया जाएगा।
निजी भूमि पर कराए जाने वाले सिंचाई कूप निर्माण पर 80 फीसदी अनुदान, जबकि सामुदायिक भूमि पर कराए जाने वाले सिंचाई कूप निर्माण पर 100 फीसदी अनुदान दिया जाएगा। वहीं, निजी भूमि पर कराए जाने वाले जल संचयन तालाब के निर्माण पर 90 फीसदी अनुदान देने का प्रावधान किया गया है।
कृषि विभाग ने सर्वेक्षण के बाद इस योजना के लिए 16 जिले चिन्हित किए हैं। इनमें बांका, मुंगेर, जमुई, नवादा, गया, औरंगाबाद, रोहतास, अरवल, जहानाबाद, नालंदा, पटना, शेखपुरा, लखीसराय, भागलपुर, भोजपुर और बक्सर शामिल हैं। इन जिलों में 158 तालाब तथा 91 कूप (कुल 249 संरचना) का निर्माण किया जाएगा। जिसके लिए आवेदन प्रक्रिया 21 जून से शुरू हो चुकी है, जो 19 जुलाई तक जारी रहेगी। किसान "पहले आओ पहले पाओ" के आधार पर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
योजना का लाभ उठाने के लिए सबसे पहले बिहार कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाईट https://state.bihar.gov.in/krishi/ CitizenHome.html पर जाएं। इसके बाद होम पेज पर दिए गए लिंक या URL लिंक https://bwds.bihar.gov.in पर किसान आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते समय DBTinAgriculture के 13 अंकों का पंजीयन संख्या जरूर याद रखें। वहीं, अधिक जानकारी के लिए संबंधित जिला के उप निदेशक (कृषि), भूमि संरक्षण एवं सहायक निदेशक (शष्य) से संपर्क किया जा सकता है।