संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में ट्रैक्टर तिरंगा मार्च का आयोजन किया। ट्रैक्टर मार्च का नेतृत्व भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किया, जिसमें ग्रेटर नोएडा से लेकर सहारनपुर तक और प्रदेश के कई अन्य जिलों में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला। हजारों किसानों ने इस मार्च में भाग लिया और जिला मुख्यालयों पर अधिकारियों को अपनी मांगों के ज्ञापन सौंपे।
मार्च के दौरान, भारी पुलिस बल तैनात था और कई स्थानों पर पुलिस ने किसानों को रोकने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की की घटनाएं भी हुईं। मुजफ्फरनगर में राकेश टिकैत ने भी ट्रैक्टर मार्च में भाग लिया और डीएम को किसानों की मांगों का ज्ञापन सौंपा।
राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसानों ने आज अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है। 13 अगस्त तक देश में जगह-जगह किसान ट्रैक्टर मार्च का आयोजन करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगों को लेकर लगातार संघर्ष जारी है। सरकार जल्द किसानों की मांगों को पूरा करे। उन्होंने सरकार से अगस्त को 'क्रांति दिवस' के रूप में घोषित किए जाने की मांग भी उठाई।
टिकैत ने एनजीटी के 10 साल पुराने ट्रैक्टरों पर प्रतिबंध संबंधी नियमों को लेकर भी निराश जताई। उन्होंने कहा कि आज के मार्च में ज्यादातर 10 से 15 साल पुराने ट्रैक्टरों का उपयोग किया गया क्योंकि किसान एनजीटी के नियमों का विरोध कर रहे हैं, जो केवल कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं।
टिकैत ने किसानों से एकजुटता का आह्वान किया और कहा कि सरकारें उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर रही हैं, जबकि अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी मांगों का जल्द समाधान नहीं करती, तो किसान आंदोलन को और तेज करेंगे।