पंजाब में फसल विविधीकरण अभियान के तहत इस खरीफ सीजन के दौरान बासमती की खेती के क्षेत्र में 12.58 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने रविवार को इस बात की जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि इस खरीफ सीजन लंबे दाने वाले चावल की खेती 6.71 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है, जो पिछले साल के 5.96 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
खुड्डियां ने बताया कि बासमती की खेती के मामले में अमृतसर जिला 1.46 लाख हेक्टेयर के साथ सबसे आगे है। इसके बाद मुक्तसर में 1.10 लाख हेक्टेयर, फाजिल्का में 84.9 हजार हेक्टेयर, तरनतारन में 72.5 हजार हेक्टेयर और संगरूर में 49.8 हजार हेक्टेयर में बासमती की खेती की गई है। इन जिलों में बासमती की खेती के क्षेत्रफल में सबसे ज्यादा योगदान देखा गया है।
मंत्री खुड्डियां ने यह भी बताया कि इस साल चावल की सीधी बुवाई (डीएसआर) के तहत क्षेत्र में 46.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि पानी की बचत करने वाली इस डीएसआर पद्धति का उपयोग 2023 के खरीफ सीजन में 1.72 लाख एकड़ से बढ़कर 2.52 लाख एकड़ हो गया है।
राज्य सरकार ने बासमती की निर्यात गुणवत्ता को बढ़ाने के उद्देश्य से 10 कीटनाशकों के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगाया है, ताकि इसे विश्व स्तरीय मानकों के अनुरूप बनाया जा सके। पंजाब सरकार के इस प्रयास से बासमती की खेती में वृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।