हिमाचल प्रदेश में 15 जुलाई से सेब सीजन की शुरुआत हो चुकी है। पिछले सीजन के मुकाबले इस सीजन में बागवानों को सेब के कम दाम मिल रहे हैं। क्योंकि अभी बेहतरीन क्वालिटी का सेब मंडियों में नहीं पहुंचा है। इस साल सेब की उपज पर मौसम की मार पड़ी है, जिसके कारण उत्पादन प्रभावित हुआ और बागवानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
शिमला की भट्ठाकुफर और पराला फल मंडी में टाइडमैन और रेड जून सेब की वैरायटी पहुंच रही है। टाइडमैन सेब की पेटी (18 से 20 किग्रा वजन) को इस साल 800 से 1,400 रुपये का दाम मिल रहा है। जबकि पिछले साल की शुरुआत में यह पेटी 1400 से 1500 रुपये में बिकी थी। वहीं, रेड जून वैरायटी के सेब की एक पेटी 300 से 600 रुपये में बिक रही है। इस साल हिमाचल प्रदेश में सेब की फसल पर बीमारियों का प्रकोप भी रहा है। इससे भी उपज प्रभावित हुई है।
प्रदेश की फल मंडियों में अर्ली वैरायटी का सेब पहुंचना शुरू हो चुका है। इस साल सीजन की शुरुआत 10-15 दिन देरी से हुई है। आमतौर पर इस समय तक फल मंडियों में बेहतर गुणवत्ता वाले सेब की खेप पहुंचनी शुरू हो जाती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। मौसम के बदले मिजााज के चलते इस साल सेब की गुणवत्ता पर भी असर पड़ा है। यही वजह है कि बागवानों को सेब का बेहतर दाम नहीं मिल रहा है। आढ़तियों का कहना है कि भीषण गर्मी और कम बारिश के कारण अधिकांश क्षेत्रों में पैदावार प्रभावित हुई है, जिससे फसल का आकार और रंग सही नहीं आया है। फिलहाल जो सेब बाजार में आ रहे हैं, उनकी क्वालिटी बहुत बेहतर नहीं हैं। इस वजह से बागवानों को फसल के अच्छे दाम नहीं मिल पा रहे हैं।
पराला फल मंडी आढ़ती एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट सुशील ठाकुर ने रूरल वॉयस को बताया कि सेब सीजन भले ही आज शुरू हुआ हो, लेकिन पराला मंडी में सेब की आवक हफ्ते भर पहले शुरू हो चुकी है। उन्होंने बताया कि बीते हफ्ते से मुकाबले इस हफ्ते सेब की आवक बढ़ी है। लेकिन अभी भी बेस्ट क्वालिटी का सेब मंडी में नहीं पहुंचा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल 15 जुलाई तक टाइडमैन, गाला और स्पर वैरायटी का सेब मंडी में पहुंचना शुरू हो गया था। लेकिन इस साल अभी तक सिर्फ टाइडमैन वैरायटी का सेब ही मंडी में पहुंचा है। जिसका आकार छोटा और रंग भी फीका है। अगर आने वाले दिनों में मौसम अनुकूल रहा तो आवक बढ़ने के साथ बागवानों को बेहतर दाम मिल सकते हैं।
इस साल अधिक गर्मी और बारिश में कमी के कारण सेब उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ा है। साथ ही समय पर तुड़ान न होने के चलते मंडियों में वह सेब नहीं पहुंचा, जिसका आढ़तियों खरीदारों का इंतजार रहता है। बागबानों की मानें तो इस साल सेब का उत्पादन कम है। जबकि बागबानी विभाग पिछले साल से ज्यादा उत्पादन का दावा कर रहा है। उद्यान विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो 2023-24 में हिमाचल प्रदेश में 2.11 करोड़ से अधिक पेटी सेब का उत्पादन हुआ था। वहीं विभाग इस साल 2.91 करोड़ पेटी से अधिक सेब उत्पादन का अनुमान लगा रहा है।