पशुओं में लंपी स्किन रोग राजस्थान के 18 जिलों में फैल गया है। इससे अब तक कई हजार मवेशियों की मौत हो चुकी है और चार लाख से ज्यादा अभी प्रभावित हैं। प्रदेश में तेजी फैल रहे इस रोग से सरकार और पशुपालक परेशान हैं।
रूरल वॉयस ने ग्राउंड रिपोर्ट जानने के लिए जयपुर जिले के ग्राम लोहरवाड़ा के पशुपालक मोहन लाल यादव से संम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि उनके पास 15 दूधारू पशु हैं जिनमें से तीन लंपी स्किन रोग से ग्रसित हैं। उन्होंने बताया कि पहले हमारी गाय लंगड़ा कर चल रही थी, फिर पैरों में सूजन आ गया। उसके शरीर पर एक से डेढ़ इंच की गांठ बनने लगी, तेज बुखार आने लगा और मुंह से लार गिरने लगा। इसके बाद गाय ने चारा लेना छोड़ दिया। पशु चिकित्सक ने गायों को इंजेक्शन औऱ दवाई दी है और अभी पशुओं की सेहत में सुधार है। यादव ने बताया कि उनके गांव में 20-25 पशु लंपी रोग से ग्रसित हैं।
जयपुर के ही ग्राम मोहम्मदाबाद के पशुपालक हल्दी राम चौधरी ने रूरल वॉयस को बताया कि उनके पांच दूधारू पशुओं में से एक लंपी स्किन रोग से ग्रसित है। इलाज के बाद अभी सुधार है। उनके गांव में सात पशु लंपी स्किन रोग से ग्रसित हैं।
राजस्थान के पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने बुधवार को कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार, पशुपालन विभाग के शासन सचिव पीसी किशन एवं विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को स्थिति की लगातार निगरानी करने के निर्देश दिए हैं।
कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार पूरी गंभीरता व संवेदनशीलता के साथ लम्पी रोग पर नियंत्रण के लिए कार्य कर रही है। संक्रमण से बचने के लिए सफाई रखने, सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव करने और फॉगिंग करने के आदेश दिए गए हैं।
राजस्थान पशुपालन विभाग के शासन सचिव पीसी किशन के मुताबिक लम्पी स्किन रोग की रोकथाम के लिए गोट पॉक्स वैक्सीन की 41 लाख डोज खरीदने की तैयारी है। उन्होंने बताया कि अजमेर जिला दुग्ध उत्पादक संघ ने वैक्सीन के एक लाख डोज खरीद कर टीकाकरण शुरू कर दिया है। अलवर जिला दुग्ध उत्पादक संघ ने 6.80 लाख, कोटा ने एक लाख तथा उदयपुर ने दो लाख गोट पॉक्स वैक्सीन की डोज खरीदने के आदेश जारी किए हैं।
वेटनरी हास्पिटल हरसौली जयपुर के प्रभारी औऱ पशु चिकित्सक डॉ बंशीधर यादव ने चिकित्सा के दौरान अपने फील्ड के अनुभव में बताया कि इसमें पहले पशु लंगड़ा कर चलते हैं, फिर पैरो में सूजन, शरीर पर गांठ बन रही। पशु को 105 डिग्री तेज बुखार हो जा रहा है। इसके साथ पशु के मुंह से लार गिरने लगती है और वह खाना-पीना छोड़ देता है।
डॉ बंशीधर ने बताया कि अगर प्रकार कोई भी लक्षण दिखने पर किसान तुरन्त घरेलू इलाज शुरू कर दें। 500 ग्राम हल्दी, 500 ग्राम काली जीरी, 100 ग्राम काली मिर्च, 300 ग्राम अजवायन, नीम के पत्ते, गिलोय पत्ते और एक किलो गुड़ को पांच लीटर पानी में मिलाकर गर्म करके करके बीमार पशु को सुबह-शाम 150 मिलीलीटर देने से पशुओं में सुधार देखा गया है। अगर सुधार नहीं हो रहा है तो तुरन्त पशु चिकित्सक की सलाह लें।
लंपी स्किन बीमारी एक संक्रामक रोग है जो वायरस के कारण तेजी से फैलता है। अभी इसका कोई ठोस इलाज नहीं है, इसलिए वैक्सीन से ही रोकथाम की जा सकती है। यह रोग किलनी मच्छर, मक्खी के पशुओं लार जूठे जल एवं पशु चारे के द्वारा फैलता है। संक्रमित पशु के शरीर पर बैठने वाली किलनी, मच्छर व मक्खी से यह स्वस्थ पशु के शरीर में पहुंचता है।