सोयाबीन का सही दाम न मिलने से नाराज किसान 1 अक्टूबर को करेंगे चक्का जाम

मध्य प्रदेश में सोयाबीन के उचित दाम न मिलने से नाराज किसान 1 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में चक्का जाम करेंगे। किसानों की मांग है कि सोयाबीन का भाव 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल तय किया जाए, जबकि वर्तमान एमएसपी 4,892 रुपये है। इसके साथ ही किसान 24 से 30 सितंबर तक गांव-गांव मशाल जुलूस भी निकालेंगे

मध्य प्रदेश में सोयाबीन के सही दाम न मिलने से नाराज किसान अब बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा, मध्य प्रदेश ने ऐलान किया है कि सोयाबीन के मुद्दे को लेकर एक अक्टूबर को पूरे प्रदेश में चक्का जाम किया जाएगा। यह निर्णय बुधवार को राजधानी भोपाल में हुई संयुक्त किसान मोर्चा (मध्य प्रदेश) की बैठक के दौरान लिया गया। केंद्र सरकार ने खरीफ मार्केटिंग सीजन (2024-25) के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4,892 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है जबकि किसान 6000 रुपये प्रति क्विंटल का दाम मांग रहे हैं।

एसकेएम मध्य प्रदेश के बैनर तले होने वाले इस प्रदर्शन में 30 विभिन्न किसान संगठन शामिल होंगे, लेकिन भारतीय किसान संघ इसका हिस्सा नहीं है। हालांकि भारतीय किसान संघ भी सरकार से सोयाबीन का दाम 6000 रुपये करने की मांग कर रहा है, लेकिन उसका आंदोलन अलग से चल रहा है। बैठक में प्रदेश के 30 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और सोयाबीन के मुद्दे पर हो रहे प्रदेश व्यापी प्रदर्शन की आगामी रूपरेखा पर चर्चा की।

चक्का जाम के साथ ही किसान संगठनों ने 24 से 30 सितंबर तक गांव-गांव मशाल जुलूस निकालने का भी फैसला किया है। इस जुलूस का मकसद गांव-गांव में लोगों को इस मुद्दे से अवगत कराना और आंदोलन को और व्यापक बनाना है। सोयाबीन का भाव 6 हजार रुपये करने की मांग को लेकर प्रदेश के किसान संगठन लगातर प्रदर्शन कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी किसानों ने सोयाबीन की कम कीमतों को लेकर मुहिम छेड़ रखी है। 

किसानों की मांग है कि सोयाबीन का भाव 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल तय किया जाए। फिलहाल, केंद्र सरकार ने आगामी खरीफ मार्केटिंग सीजन (2024-25) के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4,892 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जो किसानों के मुताबिक, उनकी लागत से कम है। प्रदेश की मंडियों में सोयाबीन की कीमतें 4000 से 4500 रुपये प्रति क्विंटल के बीच हैं, जो एमएसपी से भी कम हैं। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती, वे आंदोलन जारी रखेंगे।

प्रदेश में हाल ही के दिनों में सोयाबीन का भाव पिछले 10 सालों के निचले स्तर तक पहुंच गया था। एक माह पहले मंडियों में सोयाबीन की कीमतें 3500 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गई थीं। हालांकि अब इनमें सुधार हुआ है और यह बढ़कर 4000 से 4500 रुपये प्रति क्विंटल के बीच आ गई हैं। लेकिन दाम अभी भी एमएसपी से कम हैं।

25 अक्टूबर से शुरू होगी खरीद 

प्रदेश में 25 अक्टूबर से सोयाबीन की खरीद प्रक्रिया शुरू होगी, जो 31 दिसंबर, 2024 तक चलेगी। इसके लिए किसानों को ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जिसकी अंतिम तारीख 15 अक्टूबर है। खरीद की प्रक्रिया मार्कफेड द्वारा की जाएगी और स्टेट वेयरहाउसिंग कारपोरेशन भंडारण की जिम्मेदारी संभालेगा। सरकार ने किसानों को आश्वासन दिया गया है कि खरीद के तीन दिन के भीतर उनके खातों में भुगतान कर दिया जाएगा।

तेज होगा आंदोलन

संयुक्त किसान मोर्चा मध्य प्रदेश के सदस्य राम इनानिया ने रूरल वॉयस से कहा कि सोयाबीन की कम कीमतों के कारण किसानों का आंदोलन अब तेजी पकड़ रहा है। किसान लगातार सोयाबीन के लिए 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि अब किसान अपनी मांगों को लेकर 1 अक्टूबर को प्रदेशभर में हाईवे जाम करेंगे, जो 3 घंटे का सांकेतिक चक्का जाम होगा। इसके साथ ही 24 से 30 सितंबर तक गांव-गांव मशाल जुलूस भी निकाले जाएंगे।

इनानिया ने चेतावनी दी कि अगर सरकार इसके बाद भी उनकी मांग नहीं मानती, तो किसान भोपाल कूच की तैयारी करेंगे। उन्होंने कहा कि 25 अक्टूबर से प्रदेश में सोयाबीन की खरीद शुरू हो रही है। केंद्र सरकार ने एमएसपी पर खरीद का ऐलान तो किया है, लेकिन यह किसानों की लागत से कम है। उन्होंने कहा कि सभी खर्चे मिलाकर किसान अपनी प्रति एकड़ लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं। इसलिए 6 हजार रुपये प्रति क्विंटल का भाव पूरी तरह उचित है। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसानों को नुकसान से बचाने के लिए सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए।