मध्य प्रदेश में मूंग खरीद का मुद्दा अभी शांत नहीं हुआ है। बीते दिनों समय से पहले मूंग खरीद बंद होने से गुस्साए किसानों के विरोध के बाद प्रदेश सरकार ने मूंग खरीद की अंतिम तारीख 5 अगस्त तक बढ़ाने का ऐलान किया था। वहीं, अब मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मूंग खरीद प्रक्रिया में अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को इस संबंध में पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने सरकार से किसानों को पेश आ रही दिक्कतों को हल करने और मूंग खरीद में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच की मांग की है।
किसानों को होगा 2 से 3 हजार रुपये का नुकसान
दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में कहा कि सीहोर, नर्मदापुरम, हरदा, नरसिंहपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों से मूंग खरीदी में अनियमितताएं किए जाने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मूंग खरीदी की अंतिम तिथि 31 जुलाई तय की गई थी, जबकि 22 जुलाई से ही बुकिंग स्लॉट बंद हैं। उन्होंने लिखा कि कई क्षेत्रों में किसान बुकिंग नहीं करवा पा रहे हैं, जबकि अभी तक सिर्फ 18 से 20 प्रतिशत ही खरीदा हुई है। समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं होने से किसानों को प्रति क्विंटल 2 से 3 हजार रुपये कम पर बाजार में बेचना पड़ेगा।
दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में लिखा कि अभी तीन दिन पहले केन्द्रीय कृषि मंत्री के लोकसभा क्षेत्र में बुदनी तहसील के ग्राम आमोन के लोगों ने तुलाई बंद करने पर कई घंटों तक चक्काजाम कर दिया था। तब एसडीएम ने जाकर तुलाई शुरू कराते हुए किसानों का आक्रोश शांत कराया था।
वेयरहाउसों में व्यापक स्तर पर हो रहा भ्रष्टाचार
दिग्विजय सिंह ने यह भी लिखा कि खरीद केन्द्रों पर किसानों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है और वेयरहाउसों में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। विगत माह खरीदी गई मूंग का भुगतान भी अभी तक किसानों को नहीं किया गया है, जबकि सरकार ने 7 दिन के भीतर भुगतान का वादा किया था। ऐसे में सरकार से अनुरोध है कि मूंग खरीदी में हो रही विसंगतियों और अनियमितताओं की जांच की जाए तथा किसानों को पेश आ रही दिक्कतों का समय पर समाधान किया जाए।