छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को राज्य विधानसभा में 2022-23 का बजट पेश किया। इसमें कृषि क्षेत्र के बजट में सिर्फ 3.3 फ़ीसदी की वृद्धि की गई है। पंचायत और ग्रामीण विकास का बजट भी पिछले साल के बराबर ही रखा गया है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 6000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इस योजना के तहत प्रति एकड़ 10000 रुपए की सहायता राशि दी जाती है। बीते 2 वर्षों में 20 लाख से अधिक किसानों को 10152 करोड़ रुपए की सहायता राशि दी जा चुकी है। राज्य सरकार ने फसल बीमा योजना के लिए 575 करोड़, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के लिए 323 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। किसानों को उच्च क्वालिटी वाले बीज उपलब्ध कराने के लिए कृषक समग्र विकास योजना में 123 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की घोषणा की। छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल और छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की तरफ से आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं में स्थानीय प्रतिभागियों के लिए परीक्षा शुल्क माफ कर दिया गया है। बजट में किसी नए कर का प्रस्ताव नहीं है।
2022-23 मई कुल 104000 करोड़ रुपए का व्यय अनुमानित है। बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए 37 फ़ीसदी, आर्थिक क्षेत्र के लिए 40 फ़ीसदी और सेवा क्षेत्र के लिए 23 फ़ीसदी रकम प्रस्तावित है। राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.3 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
बजट में 2021-22 के संशोधित अनुमान 8974 करोड़ के मुकाबले कृषि क्षेत्र के लिए 2022-23 में 9272 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। यानी इसमें सिर्फ 3.3 फ़ीसदी की वृद्धि की गई है। पंचायत और ग्रामीण विकास के लिए 8828 करोड़ के संशोधित अनुमानों की तुलना में लगभग समान 8830 करोड़ का प्रावधान है। इसमें 1702 करोड़ मनरेगा के लिए हैं। शिक्षा के लिए 18198, स्वास्थ्य के लिए 6357, महिला एवं बाल विकास के लिए 2289, शहरी विकास के लिए 3848 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
बजट घोषणा के मुताबिक कृषि भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए दुर्ग जिले में इंटीग्रेटेड पैक हाउस की स्थापना की जाएगी। इसके लिए 24 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। नाबार्ड की सहायता से सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण के लिए 690 करोड़, लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए 931 करोड़, स्टॉप डैम और एनीकट निर्माण के लिए 260 करोड़ तथा तटबंध निर्माण के लिए 125 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
बजट में ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत अभी तक 822832 आवास बनाए गए हैं। इस योजना के लिए अगले वित्त वर्ष में 800 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए 1675 करोड़ तथा 15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर पंचायतों को अनुदान के मद में 1114 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत वार्षिक सहायता राशि 6000 से बढ़ाकर 7000 रुपए करने की घोषणा की। प्रदेश के गौशालाओं को महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के तौर पर विकसित किया जाएगा। इन औद्योगिक पार्कों में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और बिजली पानी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 600 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया गया है।
जनप्रतिनिधियों को मिलने वाली रकम भी इस बजट में बढ़ाई गई है। विधायक निधि की राशि दो करोड रुपए से बढ़ाकर 4 करोड़ रुपए कर दी गई है। इसके लिए 364 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया। जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, जनपद पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य के लिए भी पंचायत विकास निधि योजना में राशि बढ़ाई गई है। जिला पंचायत अध्यक्षों का मानदेय 15000 से बढ़ाकर 25000 प्रति माह, उपाध्यक्ष का 10000 से बढ़ाकर 15000 और जिला पंचायत सदस्यों का 6000 से बढ़ाकर 10000 प्रतिमाह किया गया है। जनपद पंचायत अध्यक्षों, उपाध्यक्षों व सदस्यों और सरपंचों के मानदेय तथा भत्ते में भी वृद्धि की गई है।
एक दिन पहले विधानसभा में पेश किए गए राज्य के आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2021-22 में जीएसडीपी वृद्धि दर 11.54 पहने का अनुमान व्यक्त किया गया था। प्रति व्यक्ति आय 118401 रुपए हो जाने का अनुमान है। मौजूदा वित्त वर्ष में स्थिर मूल्यों पर राज्य की जीएसडीपी 2.78 लाख करो रुपए हो जाएगा जो पिछले वित्त वर्ष में 2.49 लाख करोड़ रुपए था। कृषि क्षेत्र में 3.88 फ़ीसदी, औद्योगिक क्षेत्र में 15.44 फ़ीसदी और सेवा क्षेत्र में 8.54 फ़ीसदी वृद्धि अनुमानित है।