पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और केंद्र सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। पंजाब के रूरल डेवलपमेंट फंड (आरडीएफ) का 7 हजार करोड़ रुपये रोकने को लेकर आप ने भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
आम आदमी पार्टी के विधायक दिनेश चड्ढा ने भाजपा पर पंजाब के मंडी सिस्टम को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र ने रूरल डेवलपमेंट फंड (आरडीएफ) का 7,000 करोड़ रुपया रोक रखा है। इसके कारण पंजाब के ग्रामीण इलाकों में सड़कों की मरम्मत नहीं हो पा रही है। इसके लिए उन्होंने केंद्र द्वारा आरडीएफ रोके जाने को जिम्मेदार ठहराया। आरडीएफ का इस्तेमाल पंजाब के ग्रामीण इलाकों में सड़कों की मरम्मत और मंडियों के विकास के लिए किया जाता है। दिनेश चड्ढा ने सभी सांसदों से इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष उठाने और आरडीएफ जारी करवाने की अपील की।
आप विधायक ने आरोप लगाया कि भाजपा पंजाब के किसानों से बदला ले रही है, क्योंकि उन्होंने मोदी सरकार को किसान विरोधी बिल वापस लेने के लिए मजबूर किया था। उन्होंने कहा, "आज भी भाजपा की वही मंशा है, यानी पंजाब में मंडी व्यवस्था को खत्म करना है। इसीलिए पंजाब का आरडीएफ का पैसा जारी नहीं कर रहे हैं।" चड्ढा ने भाजपा के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह किसान का बेटे होने का दावा करते हैं, लेकिन कभी किसानों के हक में आवाज नहीं उठाते।
पंजाब मंडी बोर्ड ग्रामीण इलाकों में सड़कों का रखरखाव करता है। लेकिन आरडीएफ का पैसा जारी न होने के कारण इन सड़कों की मरम्मत नहीं हो पा रही है। वहीं मंडियों में होने वाले विकास कार्य भी रूके पड़े हैं। पंजाब सरकार केंद्रीय पूल के लिए गेहूं और धान की सरकारी खरीद पर 3 फीसदी रूरल डेवलपमेंट फंड (आरडीएफ) और 3 फीसदी मंडी डेवलपमेंट फंड (एमडीएफ) चार्ज करती है।
पिछले साल पंजाब में बाढ़ की वजह से ग्रामीण इलाकों में बहुत-सी सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गये थे। आरडीएफ जारी न होने से इनकी मरम्मत नहीं हो पाई है। पंजाब मंडी बोर्ड हर साल सड़कों की मरम्मत करवाता था। मंडी बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि पिछले तीन साल से आरडीएफ जारी नहीं हुआ, जिससे सड़कों की मरम्मत का काम रूका पड़ा है। वहीं, पंजाब पर आरडीएफ को तीन फीसदी से घटाकर दो फीसदी करने का दबाव बनाया जा रहा है।