चंडीगढ़ से अनुराधा
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा, “कोरोना की प्रचंड दूसरी लहर से लड़ते हुए हरियाणा सरकार के समक्ष मंडियों में गेहूं की की खरीद भी एक चुनौती से कम नहीं हैं। कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए हमारे किसान भाइयों और आढ़तियों के सहयोग से इस बार हरियाणा रिकॉर्ड गेहूं खरीद की ओर बढ़ रहा है”। उन्होंने बताया कि इस रबी सीजन में 80 लाख टन गेहूं खरीद अपेक्षित थी पर 30 अप्रैल तक मंडियों में 83 लाख टन गेहूं की आवक में से 80 लाख टन की खरीद में किसानों के बैंक खातों में 9,300 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है। उम्मीद है कि इस बार 15 मई तक जोरो पर होने वाली खरीद 90 लाख टन के पार जा सकती है। इससे पहले हरियाणा में 2019 में गेहूं की 87 लाख टन की रिकॉर्ड खरीद हुई थी और 2020 में कोरोना की पहली लहर के दौरान 74 लाख टन गेहूं सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा की गई।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि सुशासन और इसके कार्यान्वयन में हमेशा अव्वल रहे हरियाणा ने किसान कल्याण की दिशा में भी एक कदम आगे बढ़ते हुए कई बड़ी पहल की हैं। किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हमारे मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी के मागदर्शन में गेहूं की इस तेज गति से खरीद और 72 घंटों के भीतर सीधे किसान के बैंक खाते में भुगतान संभव हुआ है। कोरोना की चुनौती से पार पाने के प्रयासों के बीच जहां सरकार की पहले से ही किसानों के बैंक खातों में सीधे भुगतान की ऑनलाइन तैयारी थी वहीं आई फॉर्म जारी होने के 72 घंटे के भीतर जिन किसानों को किसी वजह से भुगतान में देरी हुई उन्हें उस देरी के बदले ब्याज (9 प्रतिशत वार्षिक) देने की पहल करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। करीब 18,000 किसान ऐसे हैं जिन्हें भुगतान में एक दिन की देरी पर भी 20 लाख रुपए से अधिक ब्याज का भुगतान किया गया। मुख्यमंत्री का जोर हर कल्याणकारी नीति को लक्षित लाभकारी वर्ग के आखिरी आदमी तक पहुंचाने पर है। उनकी अगुवाई में राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी नागरिकों के परिवार पहचान पत्र जारी करने का बीड़ा उठाया है। इसी के तहत किसानों और उनकी खेती-फसलों का ब्यौरा डिजिटल किया है।
उन्होंने कहा कि “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर पंजीकृत किसानों को न केवल उनकी फसलों का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जा सकेगा बल्कि फसल बीमा योजना जैसी तमाम किसान कल्याणकारी योजनाओं का पारदर्शी ढंग से लाभ असल किसानों को मिल रहा है। किसानों की आय दोगुनी करने के हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के लक्ष्य की पूर्ति के लिए किसानों को फसलों के भुगतान और अन्य स्कीमों का लाभ सीधे उनके बैंक खातों करने की हरियाणा की पहल इस दिशा में बढ़ता एक कदम है।
दलाल के मुताबिक हरियाणा के किसानों के बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) राज्य सरकार द्वारा कृषि भूमि के रिकॉर्ड का सफलतापूर्वक डिजीटाइजेशन और इसे व्यक्तिगत तौर पर किसान के बैंक खाते से जोड़ने से संभव हुआ है। इससे सरकार को बोई जाने वाली फसलों और उनकी उत्पादकता का हर वर्ष पता लगाने में आसानी होगी। ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल की मदद से मंडियों में फसल बेचने वाले किसानों की तमाम जानकारी इस आसान प्रक्रिया से स्वत: ही सरकार को मिल रही है।
कृषि मंत्री ने कहा, टैक्नालॉजी आधारित सुशासन की मदद से न केवल किसानों को अपनी फसलें बेचने के लिए मंडियों में पहले की तरह हफ्तो इंतजार करना पड़ रहा है बल्कि उनकी भुगतान की प्रक्रिया में भी क्रांतिकारी बदलाव आया है। आढ़ती से हफ्तों बाद भुगतान की प्रक्रिया चंद घंटों में हो गई है। आढ़ती भी खरीद प्रक्रिया का अहम हिस्सा हैं, उनके बगैर इसे पूरा करना मुश्किल है पर डिजीटल माध्यम से न केवल किसानों की बल्कि आढ़तियों की भी कई समस्याएं हल हुई हैं। खरीद एजेंसियों द्वारा आढ़तियों को भी उनकी ढाई फीसदी का भुगतान उनके बैंक खातों में किया जा रहा है। इससे आढ़तियों को भी आसानी हुई है।
उन्होंने बताया कि मंडियों में खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने और इसे सुचारु रुप से आगे बढ़ाने के लिए किसानों के डिजिटल पंजीकरण के अलावा हर जिले में वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है। राज्य में एक अप्रैल से शुरु हुई खरीद प्रक्रिया के पहले दिन से ही मैने कई मंडियों का दौरा किया। पिछले साल भी गेहूं का खरीद सीजन शुरु होते की कोरोना की चुनौतियां सामने थी जिनसे सबक लेते हुए हम इस बार अधिक तेजी से खरीद और भुगतान में सफल रहे हैं। खरीद प्रक्रिया में वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किए जाने से मंडियों से अनाज के उठान में तेजी आई है। कुछेक मंडियां जहां सिर्फ गेहूं की आवक जोरों पर हैं वहां अप्रैल के दूसरे हफ्ते में लाखों टन गेहूं एकदम आने से उठान में कुछ देरी हुई है पर दक्षिण हरियाणा के जिलों में गेहूं के बराबर ही सरसों व अन्य रबी फसलों की आवक के चलते मंडियों से गेहूं का उठान समयबद्ध जारी रहा।
कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल का कहना है कि सुशासन से किसानों की आय वृद्धि में भी मदद मिलेगी। खरीद प्रक्रिया के लिए जुटाए गए किसानों के डिजिटल डाटा से हमें किसानों की कई समस्याएं समझने में मदद मिलेगी। “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर जुटाए गए डाटा से हरेक किसान की भूमि की उत्पादकता का डाटा जुटाया जा रहा है। जो किसान सॉयल हेल्थ कार्ड नहीं पा सके उन्हें सॉयल हेल्थ कार्ड के जरिए हमारे कृषि विशेषज्ञ सलाह देंगे कि उन्हें कौन सी खाद कितनी प्रयोग करनी है, कैसे टपका सिंचाई विधि से वे पानी की बचत कर खर्च घटा सकते हैं। प्रत्येक फसल की उत्पादकता का विश्लेषण आसान होगा जिससे प्रत्येक किसान को उसकी जरुरत मुताबिक कृषि विशेषज्ञ समाधान प्रदान करेंगे। अगले कुछ ही साल में हम किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य हासिल करेंगे।