महाराष्ट्र में किसानों के आत्महत्या के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। मराठवाड़ा क्षेत्र में बीते 6 महीनों में 430 किसानों ने आत्महत्या की है। इनमें सबसे ज्यादा आत्महत्या के मामले बीड जिले से सामने आए हैं। यहां 101 किसानों ने आत्महत्या की है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि राज्य के कृषि मंत्री और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे भी इसी क्षेत्र से आते हैं। बीड उनका गृह क्षेत्र है।
महाराष्ट्र का मराठवाड़ा सूखे की मार झेलने वाला क्षेत्र है। बारिश की कमी के चलते फसलों का उत्पादन प्रभावित होता है और किसान आर्थिक संकट में फंस जाते हैं। पिछले दिनों एक आरटीआई से मिली जानकारी में सामने आया था कि महाराष्ट्र में पिछले 5 महीनों में 1046 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। यानी हर महीने करीब 209 किसान राज्य में आत्महत्या कर रहे हैं।
डिविजन कमिश्नर ऑफिस की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2024 के पहले छह महीनों में महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में कुल 430 किसानों ने आत्महत्या की है। सबसे ज्यादा आत्महत्या बीड में हुई है। छत्रपति संभाजीनगर में 64, जालना में 40, परभणी में 31, हिंगोली में 17, नांदेड़ में 68, लातूर में 33 और धाराशिव में 76 किसानों ने आत्महत्या की।
महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या के बढ़ते मामले राज्य में सूखे और कृषि संकट की ओर इशारा करते हैं। इस मुद्दे पर विपक्षी दल केंद्र और राज्य सरकार को घेरने में जुटे हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में यह बड़ा मुद्दा बन सकता है।