उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में किसानों के नाम पर हुए करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। कई किसानों के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार कर 36 करोड़ रुपए से अधिक का क्रॉप लोन लेने के आरोप में इकबालपुर शुगर मिल के दो मैनेजरों को गिरफ्तार किया गया है। किसानों के नाम पर धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब किसानों के घर कर्ज अदायगी के नोटिस पहुंचे। पीड़ित किसानों ने मामले की शिकायत डीजीपी के जनता दरबार में की थी।
पुलिस जांच में सामने आया कि इकबालपुर शुगर मिल के तत्कालीन केन मैनेजर पवन ढींगरा और एकाउंट मैनेजर उमेश शर्मा ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर कई किसानों के फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे। इन दस्तावेजों के आधार पर किसानों और मजदूरों (जिन्हें किसान दर्शाया गया) के नाम पर पंजाब नेशनल बैंक की इकबालपुर शाखा से क्रॉप लोन लिए गये। जबकि संबंधित व्यक्तियों (किसान एवं मजदूर) को इसकी खबर ही नही थी। बैंक से कुल 36.50 करोड़ का फसल ऋण लिया गया। इनमें से कई लोग तो ऐसे हैं जिनके पास जमीन ही नहीं है।
कई साल तक यह खेल चलता रहा। लेकिन जब लोन की किस्त जमा न होने पर बैंक ने किसानों के घर कर्ज अदायगी के नोटिस भेजे, तब इस फर्जीवाड़े का पता चला। करोड़ों रुपये की इस धोखाधड़ी में पीएनबी की इकबालपुर शाखा के तत्कालीन मैनेजर की मिलीभगत भी सामने आई है।
इस प्रकरण में साल 2021 में शुगर मिल प्रबंधक और बैंक के तत्कालीन मैनेजर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था। बाद में मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई। जांच में सामने आया कि यह फर्जीवाड़ा साल 2008 से साल 2020 के बीच हुआ। जांच अधिकारी वेद प्रकाश थपलियाल ने पांच आरोपियों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए थे। शनिवार को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शुगर मिल के तत्कालीन केन मैनेजर पवन ढींगरा और एकाउंट मैनेजर उमेश शर्मा को हिरासत में ले लिया।
हरिद्वार पुलिस के मुताबिक, आरोपी पवन ढींगरा और उमेश शर्मा को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। जबकि पीएनबी के तत्कालीन बैंक मैनेजर समेत तीन अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। पवन ढींगरा वर्तमान में लक्सर शुगर मिल में केन मैनेजर के पद पर तैनात है जबकि उमेश शर्मा फिलहाल शाकुंभरी शुगर मिल, बेहट में एकाउंट मैनेजर के पद पर है।