हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन का आज 17वां दिन है। एमएसपी गारंटी कानून सहित 13 मांगों को लेकर केंद्र सरकार के साथ वार्ता आगे नहीं बढ़ पा रही है और न ही आंदोलनजारी किसानों को दिल्ली कूच करने दिया जा रहा है। इस बीच, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती तबीयत को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। सोशल मीडिया पर उनके समर्थन में पोस्ट किए जा रहे हैं और उनकी सेहत के लिए प्रार्थनाएं की जा रही हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने एक बयान में कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल का वजन 12 किलो से अधिक कम हो गया है। गुरुवार को डॉक्टरों ने मेडिकल चेकअप करते हुए उनकी तबीयत नाजुक बताई। डॉक्टर उनके वाइटल पैरामीटर्स पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। दोनों मोर्चों ने अपील करते हुए कहा कि कल देश भर में सभी गाँवों में केंद्र व राज्य सरकारों के पुतले जलाएं और 16 दिसंबर को पंजाब के अलावा तमाम राज्यों में जिला और तहसील स्तर पर ट्रैक्टर मार्च निकाले जायें। क्योंकि किसानों के मुद्दों पर कोई भी राजनीतिक पार्टी गंभीर नहीं है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसान मुद्दों की यह लड़ाई हम सब की एक हैं और वे कल खनौरी बॉर्डर पर जाकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात करेंगे। उनके साथ में हरेंद्र सिंह लाखोवाल, रतनमान और किसान जत्थेबंदी रहेंगी।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत लगातार गिर रही है। बीजेपी सरकार को अपनी हठधर्मिता छोड़कर किसानों से बातचीत कर उनकी मांगों का समाधान निकालना चाहिए और अनशन समाप्त कराना चाहिए। किसानों की MSP की कानूनी गारंटी की मांग पूरी तरह जायज है।
पीएम मोदी के नाम खुला पत्र
आमरण अनशन के 17वें दिन किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अपने खून से हस्ताक्षरित खुला पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा है कि जिन मांगों पर हमारा आंदोलन चल रहा है, ये सिर्फ हमारी मांगें नहीं हैं बल्कि सरकारों द्वारा अलग-अलग समय पर किये गए वायदे हैं। हर किसान को MSP सुनिश्चित करना जीवन जीने के मौलिक अधिकार के समान है। उन्होंने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार C2+50% फॉर्मूले को लागू करने की मांग भी उठाई।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में किसान 13 फरवरी से हरियाणा-पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। इस दौरान आंदोलनकारी किसानों ने कई बार दिल्ली कूच का प्रयास किया लेकिन उन्हें हरियाणा में प्रवेश नहीं करने दिया। इस दौरान कई बार आंसू गैस के गोले छोड़े गये। गत 6 और 8 दिसंबर को 101 किसानों के जत्थों ने पैदल दिल्ली जाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें भी आगे नहीं बढ़ने दिया गया।