एक महीने से ज्यादा समय के लंबे अवकाश के बाद संसद का बजट सत्र सोमवार से फिर से शुरू हो गया है। यह सत्र 6 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान वित्त वर्ष 2023-24 के प्रस्तावित बजट को पारित किया जाएगा। इस बजट में कृषि क्षेत्र और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए जो प्रावधान किए गए हैं या फिर उनमें क्या कमियां रह गई हैं, क्या और किया जाना चाहिए था, इन विषयों पर रूरल वॉयस और सोक्रेटस फाउंडेशन संयुक्त रूप से मंगलवार को चर्चा का आयोजन कर रहा है।
नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में मंगलवार को आयोजित इस एक दिवसीय “बजट चर्चा” में लोकसभा सांसद, पूर्व सांसद, कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ और विभिन्न राज्यों के किसान हिस्सा ले रहे हैं। ग्रामीण और कृषक भारत के नजरिये से बजट का आत्मनिरीक्षण करना समय की आवश्यकता है। ग्रामीण भारत के नजरिये से देखने का एक अच्छा तरीका यह है कि किसानों, नीति निर्माताओं और जनप्रतिनिधियों को एक साथ बजट पर चर्चा करने के लिए प्रेरित किया जाए। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए बजट चर्चा आयोजित की गई है। ग्रामीण भारत के लिए बजट में किए गए प्रावधानों पर खुली चर्चा करने और लोगों की चिंताओं को सरकार तक पहुंचाने में यह सम्मेलन सक्षम होगा। इस एक दिवसीय सम्मेलन में ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि एवं प्राकृतिक खेती में स्थायित्व और कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप्स एवं डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर चर्चा के प्रमुख विषय हैं।
रूरल वॉयस एक डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म है जो कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समर्पित है। यह अपनी वेबसाइटों www.RuralVoice.in (हिंदी) और Eng.ruralvoice.in (अंग्रेज़ी) पर इन क्षेत्रों से संबंधित समाचार और विश्लेषणात्मक सामग्री प्रकाशित करता है। इसका अपना यूट्यूब चैनल भी है। जबकि सोक्रेटस फाउंडेशन सामूहिक ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। यह ऐसे मंच तैयार करता है जहां विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक साथ लाया जाता है ताकि नीति निर्माताओं के लिए समाधान लाया जा सके। यह नागरिकों की भागीदारी को सक्षम बनाता है, सामूहिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है और व्यक्तिगत ज्ञान को समूहों तक लाने में मदद करता है।